दुनिया
सीताराम शर्मा सिद्धार्थसंभल के चल इस डगर चाहतें दम तोड़ती हैं यहां,
रख तेज नजर पंखों पे हवा भी रुख बदलती है यहां,
सेहत के लिए...
पतंग की डोर
अभिमन्यु कमलेश राणाउसे ढील दो
है पतंग की डोर जो
छूना चाहते गर आसमानों कोऔरों को भी उड़ने दो
पेंच लड़ाने उलझे जो
थाम लोगे अपनी उड़ान कोसफर...