June 30, 2025

Tag: hindi literature

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दुनिया

सीताराम शर्मा सिद्धार्थ संभल के चल इस डगर  चाहतें दम तोड़ती हैं यहां, रख तेज नजर पंखों पे हवा भी रुख बदलती है यहां, सेहत के लिए...

पतंग की डोर

अभिमन्यु कमलेश राणा उसे ढील दो है पतंग की डोर जो छूना चाहते गर आसमानों को औरों को भी उड़ने दो पेंच लड़ाने उलझे जो थाम लोगे अपनी उड़ान को सफर...