July 31, 2025

उमंग फाउंडेशन का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वेबीनार: दिव्यांग महिलाओं का सशक्तिकरण

Date:

Share post:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उमंग फाउंडेशन के वेबीनार में उच्च शिक्षित दिव्यांग बेटियों ने एक स्वर में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ही नहीं, अन्य अवसरों पर भी दिव्यांग महिलाओं के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होती। कार्यक्रम के सभी दायित्व दिव्यांग महिलाओं ने निभाए। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने दिव्यांग बेटियों का हौसला बढ़ाया और उन्हें समस्याओं के समाधान सुझाए।

मंग फाउंडेशन का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वेबीनार
मंग फाउंडेशन का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वेबीनार

भारतीय चुनाव आयोग की दृष्टिबाधित ब्रांड एंबेसडर और शिमला में असिस्टेंट प्रोफेसर मुस्कान नेगी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। टांडा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही व्हीलचेयर यूजर निकिता चौधरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम की संयोजक स्कूल लेक्चरर सवीना जहां के अनुसार मुस्कान नेगी ने कहा कि अपवादों को छोड़कर दिव्यांग बेटियों को आमतौर पर सभी स्तरों पर भेदभाव और उपेक्षा का शिकार बनाया जाता है।

शिक्षण संस्थानों में उन्हें खेल एवं अन्य गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाता। दृष्टिबाधित असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिभा ठाकुर ने कहा कि दिव्यांग लड़कियों में डिप्रेशन की समस्या काफी आम होती है। परिवार, स्कूल और कॉलेज तक में उनकी इस समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं होता। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी स्कॉलर दृष्टिबाधित श्वेता शर्मा ने बताया कि दृष्टिबाधित लड़कियों को पीरियड्स और वैज्ञानिक ढंग से स्वच्छता रखने के के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती।

प्रदेश की पहली व्हीलचेयर यूजर एमबीबीएस छात्र निकिता चौधरी ने कहा कि गंभीर दिव्यांगता वाली लड़कियों को यौन उत्पीड़न का खतरा सबसे ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी हर लड़की को जीवन में काम से कम चार बार यौन उत्पीड़न का शिकार बनना पड़ता है। उच्च शिक्षित दृष्टिबाधित भावना ठाकुर का कहना था कि लोग ऐसा समझते हैं कि दृष्टिबाधित लड़कियां किसी कार्य के योग्य नहीं है। वे बातचीत का अवसर आने पर उनसे सीधे बात करने से कतराते हैं उन्हें लगता है कि दृष्टि बाधित लोगों को सुनाई भी नहीं देता।

स्कूल में संस्कृत की शिक्षिका पूनम शर्मा को छोटा कद होने के कारण उपहास का पत्र बनाया जाता रहा है। उनकी योग्यता की बजाय छोटे कद से उनका आकलन किया जाता है। केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका दृष्टिबाधित काजल शर्मा को टिप्पणियां सुननी पड़ती हैं कि दृष्टि बाधित लोग कैसे बच्चों को पढ़ाएंगे। वे बच्चों का जीवन खराब कर देंगे। एक सरकारी विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और पूरी तरह दृष्टिबाधित अंजना कुमारी ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि दिव्यांग बेटियों को माता-पिता उनके हिस्से की जमीन तक नहीं देते हैं।

वे सोचते हैं की दृष्टि बाधित लड़की जमीन का क्या करेगी। प्रो. अजय श्रीवास्तव ने उमंग फाउंडेशन से जुड़ी इन सभी उच्च शिक्षित बेटियों को बधाई देते हुए कहा कि उनके संघर्ष और हौसले ने ऐसी दूसरी बेटियों को भी प्रेरणा दी है। कार्यक्रम में लगभग 50 लोगों ने हिस्सा लिया।

उमंग फाउंडेशन का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वेबीनार: दिव्यांग महिलाओं का सशक्तिकरण

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

सक्रिय फील्ड तंत्र से ही सर्वांगीण विकास संभव – अनुपम कश्यप

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रामपुर उपमंडल की ग्राम पंचायत तकलेच में...

SPREE योजना को लेकर हमीरपुर में जागरूकता अभियान

ESIC क्षेत्रीय कार्यालय, बद्दी करनाल निदेशक मंजीत कटोच की अध्यक्षता में SPREE योजना (Scheme to Promote Registration of Employers/Employees) के संबंध में जागरूकता शिविर का आयोजन SIHM Hamirpur में किया गया।...

डॉ. वाई.एस. परमार को भारत रत्न देने की उठी मांग

हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और प्रदेश निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को भारत रत्न देने की मांग...

H.P. Cabinet Revises Compassionate Policy, Expands Healthcare Education

In a significant move towards administrative reform and development, the Himachal Pradesh Cabinet, under the chairmanship of CM...