कानून और नियम दिव्यांग विद्यार्थियों के पक्ष में होने के बावजूद दिव्यांग विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पेश आने वाली रोज़ की मुश्किलों के समाधान के लिए कैंपस में दो बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। इनमें दिव्यांग विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं का ब्यौरा दिया गया है। डिसेबल्ड स्टूडेंट्स एंड यूथ एसोसिएशन (डीएसवाईए) ने इसका स्वागत किया है। विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें दिव्यांग विद्यार्थियों से रोज शिकायतें आ रही थीं कि उनके अधिकारों को लेकर कानून एवं नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार को जागरूक करने के लिए कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार से परिसर में यह होर्डिंग लगाने का अनुरोध किया था। कुलपति के आदेश पर यह कदम उठाया गया। उदाहरण के लिए कुछ विभाग दिव्यांग विद्यार्थियों से फीस जमा कराने को कहते हैं।

जबकि प्रो. श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2015 में पहली कक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक सभी पाठ्यक्रमों में दिव्यांग विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। विश्वविद्यालय ने  वर्ष 2015 से ही पीएचडी कक्षाओं तक दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा निशुल्क कर दी थी। अब होर्डिंग में सबसे ऊपर लिखा गया है कि विश्वविद्यालय परिसर, इक्डोल, सांध्य कालीन शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र में दिव्यांग विद्यार्थियों को कोई भी फीस नहीं देनी है। दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिख पानी में असमर्थ दिव्यांग विद्यार्थियों को परीक्षा में राइटर को लेकर भी विश्वविद्यालय प्रशासन से काफी मुश्किलें पेश आती थीं। हाईकोर्ट, केंद्र सरकार और राज्य सरकार का आदेश है कि यदि परीक्षा आयोजित करने वाला विभाग संबंधित दिव्यांग विद्यार्थियों को राइटर नहीं उपलब्ध कराता है तो भी किसी भी शैक्षणिक योग्यता वाले राइटर को परीक्षा में लिखने के लिए ला सकते हैं। हाईकोर्ट में प्रो. अजय श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर फैसला आने के बाद विश्वविद्यालय ने 2014 में इस बारे में अधिसूचना भी जारी की थी।

इसके बावजूद कानून के विरुद्ध जाकर हर बार परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों को एक कक्षा जूनियर और दूसरे विषय से संबंधित राइटर लाने को कहा जाता है। अब सूचना बोर्ड में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी शैक्षिक योग्यता का राइटर दिव्यांग व्यक्तियों की परीक्षा में लिख सकता है। उन्हें 3 घंटे की परीक्षा में एक घंटे का अतिरिक्त समय भी दिया जाता है इसी तरह पीजी कक्षाओं तक दिव्यांग विद्यार्थियों को 5% आरक्षण और एमफिल तथा पीएचडी में हर विभाग में हर वर्ष एक सीट अतिरिक्त दिए जाने के बारे में भी बोर्ड में सूचना लिखी गई है। उन्हें हॉस्टल से कैंपस तक लाने और शाम को वापस छोड़ने के लिए निशुल्क वाहन की सुविधा भी दी जा रही है। डिसेबल्ड स्टूडेंट्स एंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक मुकेश कुमार और सह संयोजक सवीनाजहां ने इसके लिए कुलपति का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब दिव्यांग विद्यार्थियों की दिक्कतें कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को भी सही जानकारी एक जगह पर उपलब्ध रहेगी।

Previous articleGovernor Attends Cultural Programme of TYC
Next articleAt COP 26, all Important Pending Issues should be Resolved Mutually taking into Account National Priorities and Circumstances: Bhupender Yadav

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here