पिछले ढाई वर्षों में हिमाचल प्रदेश को “हरित और स्वच्छ राज्य” बनाने की दिशा में वर्तमान सरकार ने कई अहम पहलें की हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बीच संतुलन बनाने पर विशेष जोर दिया गया है।
इन पहलों में 1 जून 2025 से 500 मि.ली. प्लास्टिक पानी की बोतलों पर प्रतिबंध, “स्वच्छ शहर, समृद्ध शहर” अभियान की शुरुआत, सौर ऊर्जा को बढ़ावा, हरित गलियारों का निर्माण, ई-वाहनों को बढ़ावा देना और “ग्रीन स्कूल प्रोग्राम” शामिल हैं। सरकार ने 60 लाख स्टील की पानी की बोतलें छात्रों को वितरित करने की घोषणा भी की है ताकि प्लास्टिक उपयोग को हतोत्साहित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, PET बोतलों के उपयोग पर सभी सरकारी कार्यक्रमों, होटलों और बैठकों में प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय हिमाचल को प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
सरकार ने “प्लास्टिक चैलेंजिंग मोबाइल ऐप” भी लॉन्च किया है, जिससे 13 विभागों के अधिकारी मोबाइल के माध्यम से पर्यावरणीय उल्लंघनों पर ई-चालान जारी कर सकते हैं।
“स्वच्छ शहर, समृद्ध शहर” अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों में दो महीने तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें 2.5 लाख से अधिक घरों का दो बार दौरा किया गया। इसमें 962 स्वयं सहायता समूहों, 14 एनजीओ और 85 स्कूलों के छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे वनों के संरक्षण में आगे आएं और विकास के साथ पर्यावरण संतुलन बनाते हुए भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और हरित हिमाचल सुनिश्चित करें।