राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल ने बॉटनी की सहायक प्रोफेसर नियुक्त हुई दिव्यांग पीएचडी स्कॉलर अंजना ठाकुर को उनकी उपलब्धियों के लिए शाल एवं हिमाचली टोपी भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर जानी-मानी लेखिका और सतलुज जल विद्युत निगम में उप महाप्रबंधक मृदुला श्रीवास्तव ने राज्यपाल को अपना कहानी संग्रह “काश पंडोरी न होती” भेंट किया।
उमंग फाउंडेशन के सदस्यों ने राज भवन में राज्यपाल से एक शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल एवं लेडी गवर्नर ने कहा कि उन्होंने करसोग में पांगणा के गांव गोड़न की रहने वाली अंजना ठाकुर ने एक दुर्घटना में दांया हाथ कटने पर बहुत हिम्मत से परिस्थितियों का सामना किया। उसने बाएं हाथ से लिखना शुरू कर उच्च शिक्षा प्राप्त की, यह सभी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने उसे कॉलेज केडर में बॉटनी की असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होने पर बधाई दी। वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल में दिव्यांग बेटियां भी अपनी प्रतिभा और लगन के बल पर हर क्षेत्र में ऊंचाइयां छू रही हैं। उन्होंने कहा की हाल ही में दृष्टिबाधित बेटियों मुस्कान और प्रतिभा ठाकुर ने क्रम से- संगीत एवं राजनीति विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर पहुंचकर एक बड़ी मिसाल कायम की। राज्यपाल एवं लेडी गवर्नर ने लेखिका मृदुला श्रीवास्तव को भी बधाई दी और कहा कि सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर उनकी कहानियों से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
मृदुला श्रीवास्तव का एक अन्य कहानी संग्रह “जलपाश” भी हिंदी जगत में काफी चर्चित रहा है। उनकी कहानियां अनेक राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और अंग्रेजी तथा फ्रेंच भाषा में अनूदित होकर मॉरीशस की पत्रिकाओं में भी छपी हैं। इस अवसर पर उमंग फाउंडेशन के प्रो. अजय श्रीवास्तव विनोद योगाचार्य और अभिषेक भागड़ा भी उपस्थित थे।
Children’s Theatre Festival In Shimla: Bridging Language, Culture, And Creativity