अम्मा -बापू, भाई-भाभी
कितने रिश्ते-नाते गांवों में
बचपन, जवानी और बुढ़ापा
बीत रहा मेरा इनकी छावों में।

ये रिश्ते हमारे कानों में
ऐसी मिठास हैं घोलते
दादी-अम्मा, चाची-ताई आदि
जब हमें बच्चा-बच्चा हैं बोलते।

धन्य है मेरी भारत भूमि
जहां इतने अच्छे संस्कार हैं
जीवन जीने का जहां पर
ये रिश्ते ही आधार हैं।

मेरे गांव की संस्कृति
पुज्नीय है बंदनीय है
किसी रिश्ते का अपमान करना
यहां पर बहुत निंदनीय है ।

यहां इन्सानों से ही नहीं अपितु
पशु-पक्षियों से भी प्यार करते हैं
दया भाव यहां का गहना है
हम नित इसे प्रणाम करते हैं

Supreme Court Allows Khair Tree Felling In Himachal Pradesh Forests

Previous articleCricket Mahasangram Cup 2023-24: Promoting Sports and Drug-Free Lifestyle
Next articleहिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाएगी प्रदेश सरकार: मुख्यमंत्री

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here