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बूंद-बूंद को तरसेंगे: भीम सिंह नेगी
बरखा रानी रूठ गई हैधरती तपन असहाय।चमकते सूरज से लग रहाआज हर हृदय को भय।।
फसलें पानी मांग रही हैंसूखे नदी तालाब।सर्द मौसम की यह बेरुखीसबसे मांगे जवाब।।
कल तक था जो हरा-भराउस...
किसको क्या समझायें हम
भीम सिंह नेगी, गाँव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
मात्राभार 14 प्रत्येक पंक्तिसम तुकान्त चौपाई
दिन कट रहे ज़िन्दगी केहम ऐसा क्यों कहते हैआपस में कटे-कटे सेअक्सर हम क्यों रहते हैं ।
क्या...
गांव व रिश्ते
अम्मा -बापू, भाई-भाभीकितने रिश्ते-नाते गांवों मेंबचपन, जवानी और बुढ़ापाबीत रहा मेरा इनकी छावों में।
ये रिश्ते हमारे कानों मेंऐसी मिठास हैं घोलतेदादी-अम्मा, चाची-ताई आदिजब हमें बच्चा-बच्चा हैं बोलते।
धन्य है मेरी भारत भूमिजहां...
मजदूर भीम सिंह नेगी की कविता
भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
मजदूर चला दिहाड़ी लगाने कोखून पसीने की रोटी कमाने कोमुझ में भी जीने का दम हैबता रहा आज जमाने को।
फटा पुराना पाता...
नारी: जिसे तलाश अपनों की, जो झूठे सपनों की सुनती है
भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
जो दर्द हैमेरे सीने मेंउसका तुम्हेंआभास नहींअपने हो या बेगानेकिसी पर आजबिश्वाश नहींसबको अपना सुख चाहिएछोटे हों या बड़ेआज राह में अपने...
जो टूट गया वह बिखर गया
भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
तूफान आयेंगे ज़िन्दगी में बहुतजो तुमसे आ टकरायेंगेमगर तुम्हारे अदम्य साहस के आगेसिर झुकाकर निकल जायेंगे।
जो टूट गया वह बिखर गयाकह गये...
बरखा कने न्याणें
भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
पया दड़ाका बरखा रान्याणें दौड़े अन्दर बाहरअम्मा बोली अन्दरा आवानयीं तां हुई जाणा बिमार।
अजकल करोना फैलीराखंग, छीक कने बुखारजे रखगे सब अपना...
बड़े बनो गुणवान बनो
भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
बड़े बनो गुणवान बनोहिंदुस्तान की शान बनोझुके दुनिया आगे सारीऐसे वीर महान बनो ।
तलवार की तेज धार परचलने की हिम्मत रखना तुमसत्य,...