कोमल, बीएससी मेडिकल, 1st ईयर, बैजनाथ गवर्नमेंट कॉलेज

जीवन एक पहेली है,
संघर्ष इसकी सहेली है।
मंजिलों तक उड़ाने हैं
गगन की और निगाहें आसान नहीं होती
कभी रास्तों से मुलाकाते हैं
थम जाए वह हौसले नहीं कहलाते हैं
आखिर अंधेरों के बाद ही तो उजाले नजर में आते हैं।
बेहद है यह सफर बुलंद रखो खुद को हर पहर।

 

 

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