Tag: भावनात्मक
सोच: डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा
खेलताकोई आग मेंचिलचिलाती धूप औरबरसते पानी की बरसात में
मिट्टी धूल सेतो कहीं गंदगी कचरेकूड़े कबाड़ केढेर से
बैठा निश्चित हैबेखबर कोई,इन सारे भेदों केखेल से...
डॉo कमल केo प्यासा की कविताएँ: भावनाओं का सफर
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा
हिलोरे
जीवन चक्र केझूले में,झूल हर कोई हिलोरे लेता है।कोई कमकोई अधिक,बस अपने कर्मों काफल वसूल लेता है !
रिश्ते
रिश्तों के जंगल में,घनघोर अंधेरे हैं,निकले किधर...