भीम सिंह नेगी, गाँव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
मात्राभार 14 प्रत्येक पंक्ति
सम तुकान्त चौपाई
दिन कट रहे ज़िन्दगी के
हम ऐसा क्यों कहते है
आपस में कटे-कटे से
अक्सर हम क्यों रहते हैं ।
क्या दूसरों के चरित्र पर
हमको है भरोसा नहीं
नफरत का बीज यहां पर
किसने है परोसा नहीं।
दूसरों का सुख देखकर
मन पीड़ा क्यों होती है
गन्दे लोगों के कारण
माऩवता जग रोती है ।
बिश्वास जो है खो चुका
कैसे वापिस लायें हम
सोच में ही जब खोट है
किसको क्या समझायें हम।
धन से अगर शान्ति मिलती
सब अमीर सुख से सोते
स्वर्ग कदमों में होता
नहीं किसी दुख से रोते।
Himachal Government’s Empowerment Drive For Orphaned Children