गोपाल शर्मा, कांगड़ा, हि.प्र.
भारत मां के भाल की बिंदी,
हम सब का सम्मानहैं हिंदी।
संविधान के प्राण हैं हिंदी,
संसकारों का ज्ञान हैहिंदी,
तुलसी व रसखान है...
दीप्ति सारस्वत प्रतिमा, प्रवक्ता हिंदी, रा .व. मा. विद्यालय, बसंतपुर, शिमला
लाड़
मां पर अकारण आते ही प्यार
लिपट उस से
करते हम फ़र्माइश
आज हलुआ बना दे न...