Tag: poetry
My Sister — Manvika Chauhan
Manvika Chauhan, Class 10, Daisy Dales Senior Secondary School, East of Kailash, New Delhi
My sister, a tiny little spirit.
Always ready to listen to
my school gossip.
Sometimes she is annoying
and sometimes possessive too.
I can't...
Giving Wings to Children’s Creativity through मीमांसा: Children’s Literature Festival, Shimla — Dr Pankaj...
Last date of Submission for entries is 8 March, 2023.
Language & Culture Department, HP in Collaboration with Keekli Charitable Trust is proud to organise "मीमांसा—Children's Literature Festival 2023". The Three Days...
नील गगन को छूने दो — 117 कविताओं का काव्य संग्रह; प्रियंवदा
प्रियंवदा, स्वतंत्र लेखिका, सुंदरनगर, हिमाचल प्रदेश
काव्या वर्षा ने ‘नील गगन को छूने दो’ में 117 कविताओं का काव्य संग्रह लिखा है, जिसका प्रथम संस्करण वर्ष 2021 में निकला । निखिल पब्लिशर्स...
रिश्ते — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
उन रिश्तों को निभाऊं कैसे
जिनमें थोड़ा भी प्यार नहीं
ऐसे रिश्ते किस काम के हैं
जिन्हें दिल मानने को तैयार नहीं ।
रिश्ते वह ही अच्छे...
स्वतन्त्रता सैनानी — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
आजादी के दीवाने अगर
उस वक्त मौत से डर जाते
तो सच कहता हूं हम कभी
इस देश में आजादी नहीं पाते।
हमने सुनी है पूरी कहानी
अपने...
मेरे गांव की नदी
किरण वर्मा, गाँव रेहल
मेरे गांव में बहती है एक नदी
स्वच्छ, निर्मल धारा जिसकी ।
ना जाने कितनों की प्यास बुझाती।
सिंचित कर बाग बगीचे
किसानों के हर्ष का कारण बनती
मेरे गांव में बहती है...
My Class Circus — Manvika Chauhan
Manvika Chauhan, Class 9, Daisy Dales Senior Secondary School, New Delhi
We are the most ridiculous class,
That's what everyone say.
We can beat you anytime,
Or maybe today.
We are the class 9A,
And we are...
उग्रवाद — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
सो रही है दुनिया
जाग रही हैं अखियां
मन की चिन्ता बढ़ा रही
अखबार की सुर्खियां ।
कुछ उग्रवादियों ने
सेना को ललकारा है
हमारे लाल ने भी वहां
आज...
शेर दिल — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
शेर दिल खड़ें हैं सरहद पर
दिन रात रहे दहाड़
दुश्मन कहीं दिखा नहीं
हुई समझो दो-फाड़।
थर-थर दुश्मन कांपता
छुपने को ढूंढता दिवार
इन शेरों से कोई हमें...
आत्मा रंजन के काव्य संग्रह – जीने के लिए ज़मीन का लोकार्पण
आज गेयटी थियेटर शिमला के कांफ्रेंस हॉल में कीकली चेरिटेब ट्रस्ट द्वारा चर्चित कवि आत्मा रंजन के सद्य प्रकाशित दूसरे कविता संग्रह "जीने के लिए ज़मीन" का लोकार्पण समारोह आयोजित किया...
जीवन एक पहेली — कोमल
कोमल, बीएससी मेडिकल, 1st ईयर, बैजनाथ गवर्नमेंट कॉलेज
जीवन एक पहेली है,
संघर्ष इसकी सहेली है।
मंजिलों तक उड़ाने हैं
गगन की और निगाहें आसान नहीं होती
कभी रास्तों से मुलाकाते हैं
थम जाए वह हौसले नहीं...
न होने में होने की संभावनाओं को देखती कविताएं — जीने के लिए ज़मीन
एक कविता लिखने में पहला कदम लिखने के लिए एक विषय का निर्धारण करना होता है, यह तय करना काफी मुश्किल है कि आप क्या लिखना चाहते हैं, या अपनी किन...