July 6, 2025

हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय साहित्य समारोह

Date:

Share post:

कीक्ली ब्यूरो, 2 अक्टूबर, 2015, शिमला

हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी अपने नाम के अनुरूप अपने मन्तव्य के प्रति पूर्णरूपेण जागृत है और प्रदश के माननीय मुख्यमंत्री, जो अकादमी के अध्यक्ष एवं संरक्षक हैं, उनके नेतृत्व में प्रदश की कला, संस्कृति, भाषा, साहित्य से जुड़े साहित्यकारों, लेखकों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार उन्हें सम्मान देते हुए अपने कार्य का निर्वहण कर रही है, यह बात डॉ. प्रेम शर्मा, उपाध्यक्ष हिमाचल अकादमी ने अकादमी स्थापना दिवस पर गेयटी थिएटर शिमला के कॉन्फ्रैंस हॉल में अकादमी द्वारा आयोजित किए गए राज्य स्तरीय साहित्य समारोह पर कही ।

अकादमी के सचिव अशोक हंस ने इस समारोह में उपस्थित विद्वानों का स्वागत करते हुए बताया कि हिमाचल की कला, संस्कृति, भाषा और साहित्य के संरक्षण, संवर्धन के लिए माननीय विधान सभा में पारित एक प्रस्ताव के तहत दिनांक 2 अक्तूबर, 1972 को प्रदेश में हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी की स्थापना की गई थी और अपने 43 वर्षों के सफर में अकादमी ने अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के साहित्यकारों, कलाकारों और लेखकों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने का प्रयत्न किया है।

राज्य स्तरीय साहित्य समारोह के प्रथम सत्र में चार कहानीकारों ने अपनी कहानियों का पाठ किया। चारों कहानियां हिमाचली परिवेश, संस्कृति, स्वर, लय-ताल में गूंथी कहानियां थी। चारों कहानियों पर अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए डॉ. सुशील कुमार फुल्ल ने कहा कि कहानीकारों को एक सांचे में नहीं बंधना चाहिए। अपने परिवेश से बाहर निकल कर राष्ट्रीय परिवेश में जाकर लेखन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब लेखक को समकालीन साहित्य की ओर आना चाहिए। ‘ये बगुला कहां से आ गया‘ सुरेश शाण्डिल्य की यह कहानी ग्रामीण संस्कृति में पनप रही शहरी संस्कृति-संस्कारों को दर्शाती है, तो पवन चौहान की कहानी ‘लॉटरी‘ सामाजिक मूल्यों में हो रहे परिर्वतन को। ‘नखरो नखरा कर रही है‘ त्रिलोक मेहरा की यह कहानी जहां साक्षरता और उसके बाद पात्रों की प्रसन्नता को प्रकट करती है वहीं एस. आर. हरनोट की कहानी ‘कीलें‘ समाज में व्याप्त देव आस्था के विकृत रूप को उजागर करती है। इन कहानियों पर सर्वश्री ओम भारद्वाज, देवकन्या, बद्री सिंह भाटिया, विद्या निधि छाबड़ा, सुदर्शन वशिष्ठ, गंगा राम राजी और अरुण भारती ने परिचर्चा की।

इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए श्रीनिवास जोशी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में गांधी जयंती पर अकादमी के इस आयोजन की सराहना की और पढी गई कहानियों पर अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी देते हुए कहा कि चारों कहानियों का परिवेश गांव का रहा हैं, जबकि शहरी परिवेश, शहर की भाग-दौड, तनाव-सुकून  को लेकर भी कहानियां लिखी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि हर लेखक को अपने लेखने के प्रति निर्दयी होना पडता है ताकि वह शब्दों और कथ्यों के मोह में फंस कर मूल कहानी से न भटके।

दूसरे सत्र में दोपहर 3.00 बजे बहुभाषी कवि सम्मेलन हुआ, जिसकी अध्यक्षता भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक एवं उप सभापति अकादमी कार्यकारी परिषद अरुण कुमार शर्मा ने की। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए 40 कवियों ने पहाड़ी, हिंदी, संस्कृत, उर्दू और अंग्रेजी भाषा में अपनी कविताओं का पाठ किया। इनमें सर्वश्री आर. सी. शर्मा, श्रीनिवास श्रीकांत, अनिल राकेशी, तेजराम शर्मा, डॉ. पीयूष गुलेरी, डॉ. प्रत्यूष गुलेरी, जयदेव किरण, दीनू कश्यप, के. आर. भारती, सी. आर. बी. ललित, विक्रम मुसाफिर, मोहन साहिल, कुंवर दिनेश, प्रीतम आलमपुरी, केहर सिंह मित्र, राम लाल पाठक, कंचन शर्मा, सुरेश सेन निशान्त, भूप रंजन, डॉ. मस्त राम शर्मा, कल्याण जग्गी, ओम प्रकाश राही, चिरानंद शास्त्री, शंकर वशिष्ठ, मदन हिमाचली आदि शामिल रहे।

[mudslide:picasa,0,keeklimagazine@gmail.com,6201011727469962369]

Daily News Bulletin

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Mandi Disaster Relief: 1317 Families Get Aid

In line with CM Sukhu’s directives, the Mandi district administration is actively carrying out relief and rescue operations...

CM: Mandi Returning to Normal, Rent Support Announced

CM Sukhu on Friday assured that the situation in the disaster-affected Seraj constituency of Mandi district, hit by...

शिमला में वन अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला

वन क्षेत्रों में रहने वाले पात्र परिवारों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी और लाभ सुनिश्चित करने के...

Raj Bhavan Marks Lord Ram Idol Anniversary

The first anniversary of the installation of the divine idol of Lord Shri Ram was celebrated with spiritual...