पुस्तक मेले में सजा बाल साहित्य मंच 

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“पुस्तकें धीमी आंच पर पकती हैं और लंबे समय के बाद जाकर कहीं पुस्तक की लोकप्रियता बढ़ती है और पाठकों को भी पढ़ने का आनंद मिलता है तथा कठोर साधना के पथ से गुजरने वाली पुस्तक ही कालजयी होती है।” वाणी प्रकाशन समूह की कार्यकारी अध्यक्षा अदिति माहेश्वरी गोयल ने शिमला में पुस्तक मेला के दौरान ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में आयोजित “बाल साहित्य मंच” में बतौर मुख्य अतिथि आज यह बात कही। वाणी प्रकाशन की कार्यकारी अध्यक्ष अदिति माहेश्वरी गोयल ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान में बाल रचनाकारों को मंच प्रदान किया जाना समय की मांग है, ताकि उन्हें अपनी सृजन प्रतिभा के माध्यम से अपने मन की बात को साझा करने का अवसर मिल सके इस दृष्टि से आज का बाल काव्य मंच महत्वपूर्ण है। 

अदिति माहेश्वरी ने इस अवसर पर कहा कि लिखने के लिए पढ़ने और टैलेंट का व्यावसायिक स्तर पर सुधार किया जाना जरूरी है। युवा साहित्यकारों की नई पौध को तैयार करने पर ही भाषा और साहित्य को बचाया जा सकता है। यह भारत में ही संभव है कि यहां लिखने और अभिव्यक्ति की आजादी है जबकि चीन जैसे देशों में स्वतंत्र रूप से विचारों को प्रकट नहीं किया जा सकता है। अदिति माहेश्वरी ने कहा कि वाणी प्रकाशन द्वारा ईरान की लेखिका मारजान संतरावी की ग्राफिक नोवल का हिंदी अनुवाद वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है। इसके अलावा वाणी द्वारा डिजिटल मीडिया और ऑडियो माध्यमों से भी पुस्तकों का प्रचार प्रसार वैश्विक स्तर पर किया जा रहा है।

अदिति माहेश्वरी ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर यह भी घोषणा की है कि आज के बाल साहित्य मंच पर पढ़ी गई कविताएं संकलन और संपादन के पश्चात् आगामी वर्ष तक वाणी प्रकाशन की ओर से प्रकाशित की जाएंगी। अदिति माहेश्वरी ने हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात कथाकार एस आर हरनोट के लेखन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक सफल कथाकार और कवि के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक आयोजन करने में भी स्थापित है। लिखने के लिए ज्यादा पढ़ना जरूरी है।

शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर ओकार्ड इंडिया और हिमालय मंच द्वारा 21 से 30 जून तक आयोजित किए गए राष्ट्रीय पुस्तक मेले के अवसर पर गेयटी थिएटर के सभागार में बाल काव्य मंच का आयोजन किया गया जिसमें दयानंद पब्लिक स्कूल, डीएवी स्कूल टूटू, आर्य कन्या पाठशाला और अन्य विद्यालयों के बाल रचनाकारों द्वारा कविताओं का पाठ किया गया। युवा छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर कविताओं के माध्यम से जो अपनी संवेदनाएं, चिंताएं और सामाजिक विसंगतियों के विभिन्न चित्र प्रस्तुत किए हैं, तथा श्रोताओं को सोचने के लिए विवश किया है। 

डीएवी स्कूल टूटू के प्रतिभागियों में पारस पंवार,भूमिका, शिवांगी वर्मा, शगुन ठाकुर, डिंपल शर्मा, निकुंज ठाकुर, वर्तिका शर्मा, जागृति शर्मा, एंजेल ठाकुर, कनिका ठाकुर, मोक्षिता, दिव्या शर्मा, प्रांजल शर्मा,और चहक शर्मा ने काव्य पाठ किया। आर्य कन्या पाठशाला की अक्षिका जिंटा मुस्कान ठाकुर तथा पोर्टमोर स्कूल की तेजसवनी ने भी कविताएं सुनाईं। दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला के लगभग पच्चीस विद्यार्थियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिनमें सुवान सूद, शुभांगी, रूद्रांश, आदित्य , अनुभूति गुप्ता,अवनि शर्मा, छायांकन, रिषिका ठाकुर, नम्रता शर्मा,सक्षम नौटियाल, आकृति, अर्णब,राघव, विजित विज्ज्वल, हिताक्षी, पूर्वी , अर्शिता, कार्तिक, माधवन, दिव्यांशी, आरुही, शुभव्यास, रिजुल सर्वेश कश्यप, अर्नब भंडारी, दिव्यांशी शुभांगी, काव्याश हरनोट श्रेया, नैना कोंडल आदि शामिल रहे।

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