आज गेयटी थियेटर शिमला के कांफ्रेंस हॉल में कीकली चेरिटेब ट्रस्ट द्वारा चर्चित कवि आत्मा रंजन के सद्य प्रकाशित दूसरे कविता संग्रह “जीने के लिए ज़मीन” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखक और रायत बाहरा विश्वविद्यालय मोहाली चंडीगढ़ के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष एवं पूर्व उपमहानिदेशक दूरदर्शन डॉक्टर कृष्ण कुमार रत्तू ने की।

डॉ. रत्तू के अलावा लोकार्पित पुस्तक पर विस्तृत वक्तव्य, वरिष्ठ कवि कथाकार गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, अंग्रेजी विभाग की सह आचार्य और लेखक डॉ. प्रियंका वैद्य, और कोटशेरा कॉलेज में सह आचार्य और कवि समीक्षक दिनेश शर्मा ने दिए। जबकि कवि आलोचक और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पान सिंह का लिखित वक्तव्य शोध छात्र कमलेश वर्मा ने पढ़ा। मुख्य वक्ताओं के अलावा हिमाचल विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के प्रो. अजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ कवि कथाकार और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी के. आर. भारती, सुपरिचित कवि अजेय, डॉ. सत्यनारायण स्नेही, गुलपाल वर्मा और सीताराम शर्मा ने भी इन कविताओं पर संक्षिप्त और सार गर्भित टिप्पणियां प्रस्तुत कीं।

इन वक्ताओं ने इन कविताओं के विभिन्न पहलुओं पर बात करते हुए इस कविता संग्रह को बहुत महत्वपूर्ण कृति बताया। कवि आत्मा रंजन ने इस संग्रह में से कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ भी किया।जबकि कुशल मंच संचालन जगदीश बाली ने किया।

कवि आत्मा रंजन का यह दूसरा कविता संग्रह ग्यारह वर्षों बाद आया है। उनका पहला कविता संग्रह “पगडंडियां गवाह हैं” व्यापक रूप से चर्चित रहा और अनेक सम्मानों से सम्मानित भी। पंजाबी के जाने माने कवि अनुवादक अमरजीत कौंके द्वारा यह पूरा संग्रह पंजाबी में अनूदित होकर पुस्तक रूप में भी छपा। इस लोकार्पण समारोह में शिमला और प्रदेश के अनेक भागों से करीब 70 लेखक, संस्कृतिकर्मी शामिल हुए जिनमें डॉ. कुल राजीव पंत, सतीश रत्न, मृदुला श्रीवास्तव, कुलदीप गर्ग तरुण, नरेश देयोग, मोनिका छट्टू स्नेह नेगी, रमेश ढढवाल, दीप्ति सारस्वत प्रतिमा, उमा ठाकुर, कल्पना गांगटा, सुमित राज, अजय विचलित, राधा सिंह, भूप सिंह रंजन, वंदना राणा, लेख राज चौहान, हरीश टिल्टा, इंदु गुप्ता, तरुण नेष्टा, रमेश नेगी, महेंद्र पाल, राकेश कुमार रहे ।

हिमाचल अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह, हिमाचल प्रशासनिक सेवा अधिकारी डॉ. सोनिया ठाकुर, जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हार्टा, विपाशा के संपादक अजय शर्मा, आत्मा रंजन की अर्धांगिनी सुनीता और बिटिया यशस्वी भी विशेष रूप से इस आयोजन में शामिल रहे। कीकली चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्षा वंदना भागड़ा ने अतिथियों के स्वागत और धन्यवाद किया, साथ ही शिमला बुक कल्ब की गतिविधियों की जानकारी भी साझा की।

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