July 6, 2025

लाडला टीटू — रणजोध सिंह

Date:

Share post:

रणजोध सिंह

साधारण परिवार से संबंध रखने वाले टीटू के पिता जी लोहार का कार्य करते हुए किसी तरह घर की दाल-रोटी चला रहे थे | उनकी तीव्र इच्छा थी कि उनका बेटा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बन जाए, इसलिए उन्होंने स्वयं भूखे रहकर भी उससे शहर के प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पढ़ने भेजा था | लेकिन टीटू की पढ़ाई में कोई रुचि न थी | गिरते-पड़ते वह दसवी कक्षा तक पहुंच गया था | जब किसी कक्षा का परीक्षा परिणाम निकलता तो घर वाले इतना ही पूछते कि उनका बच्चा पास है या फेल | जैसे ही पता चलता कि उनका बच्चा पास हो गया है, तुरंत लड्डू मंगवाए जाते और पुरे मुहल्ले में बाँट दिए जाते |

किसी को पता नहीं था कि फर्स्ट डिवीज़न में पास हुआ है या थर्ड डिवीज़न में, बस पास होना ही सब कुछ था | वह दिन भर धमाचौकड़ी करता और शाम को घर आकर अपनी मां और बहन से इसलिए लड़ता कि उन्हें ढंग का खाना बनाना नहीं आता | स्कूल में उसकी न तो अध्यापकों से बनती थी और न ही उन विद्यार्थियों से जिनकी रुचि पढ़ाई में थी | कुछ ही समय में वह उन बच्चों का नेता बन गया जिनके मां-बाप ने अपने लाडलों को स्कूल इसलिए नहीं भेजा था कि वे वहां जाकर सरस्वती के उपासक बने अपितु उन्हें स्कूल टीचर के सुपुर्द कर पांच-छे: घंटे का आराम पा लेना उनका एकमात्र उदेश्य था |

मगर टीटू ने अपने घर में अपना प्रभाव एक अत्यंत पढ़ाकु बच्चे का जमा रखा था | यद्यपि घर में छोटे-छोटे दो ही कमरे थे, जिसमें एक कमरे में उसके मम्मी पापा और बहन रहती थी तथा दूसरे कमरा टीटू के नाम था ताकि वह निश्चिन्त होकर पढ़ाई कर सके | आधुनिक युग के गूगल बाबा और उनके चेले जैसे मोबाईल, लैप-टॉप, कंप्यूटर और टी.वी. आदि उस समय तक आम लोगों के पास नहीं पहुंचें थे | पढाई का एक मात्र जरिया किताबें या शिक्षक ही थे | अत: स्कूल से आते ही वह अपने कमरे में चला जाता और किताबें खोलकर पढ़ने लगता |

इस बीच उसके घर वाले उसकी पसंद के तरह-तरह के पकवान बनाकर उसके समक्ष परोसते ताकि उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न पड़े | घर में जितने भी मेहमान आते उसके मम्मी-पापा उसकी तारीफ करते हुए न थकते | सभी को बताते कि उनका बच्चा पढ़ने में बहुत होशियार है, वह सारी-सारी रात पढ़ता रहता है, बल्कि कई बार तो उससे डरा-डरा कर सुलाना पड़ता है | मेहमान मन ही मन उनसे ईर्ष्या करते और ईश्वर से गिला कि उनके बच्चों में यह गुण क्यों नहीं है | और इधर टीटू खुशी से फूल कर कुप्पा हो जाता| उसकी एक बड़ी बहन भी थी मगर वह इतनी भाग्यशाली नहीं थी कि स्कूल जा पाती | वह टीटू को पढता हुआ देख कर ही खुद को धन्य समझने लगती | वह उसके लिए खाना बनाती, उसके झूठे वर्तन उठाती, कपडे धोती और कभी कभी उसके कपडे प्रेस भी कर देती | यद्यपि उनके घर में भाई–बहन दोनों का ही जन्मदिन मनाया जाता था | बहन के जन्मदिन पर केवल सत्य-नारायण की पूजा होती थी मगर टीटू का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता था | उस दिन उसके माता-पिता मोहल्ले के सभी लोगों के निमन्त्रण भेजते थे और अपने लाडले बेटे का जन्मदिन किसी राजकुमार की तरह मनाते थे, भले ही इसके लिए उन्हें साहूकार से उधार लेना पड़े |

उस दिन भी उसका जन्मदिन ही था सभी लोग यथा-संभव उपहार लेकर आए थे | जैसा मैंने पहले कहा है कि उस जमाने में मोबाइल नहीं थे, इसलिए जन्मदिन की बधाई देने भी लोग स्वयं ही घर पहुंच जाते थे | थोड़ी बहुत धमाचौकड़ी करने के बाद और जन्मदिन पर मिले उपहारों का निरीक्षण करने के बाद दोस्त-मित्र अपने-अपने घर चले गए तथा टीटू सदा की भांति अपनी किताबें लेकर अपने कमरे में चला गया | इस बीच कई मेहमान आए और बधाइयों का सिलसिला देर रात तक जारी रहा | टीटू के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार भजन-कीर्तन करते रहें तथा टीटू अपने कमरे से अपनी पढाई के चलते बाहर नहीं आया | तभी रात 9:00 बजे के लगभग टीटू की कक्षा-अध्यापिका न जाने क्या सोचकर बधाई देने चली आई | उसको देखते ही सारे लोग उसके सम्मान में खड़े हो गए | मगर टीटू अपनी पढ़ाई में इतना मस्त था कि उसको पता ही न चला कि उसकी कक्षा टीचर आई है | उसने आते ही टीटू को तलब किया |

उसके पिताजी ने छाती फुलाते हुए कहा, “टीटू तां हुण अपणे कमरे ची हा अपणीआं कता बां ने, तिसो पढ़णे रा बड़ा शौक आ | से राती तिका पढ़दा रेहाँ | कई बार तां अहें तिसो डराई- डराई ने सवायें” (टीटू तो अभी अपने कमरे में है अपनी किताबों के साथ, उसे पढ़ने का बहुत शौक है | वह देर रात तक पढ़ता रहता है | कई बार तो हमें उसे डरा डरा कर जबरदस्ती सुलाते हैं|)

खैर, मैडम जी इस कथन से जरा भी प्रभावित नहीं हुई क्योंकि उसकी कक्षा का व्यवहार इस कथन के अनुरूप नहीं था | वह सीधे टीटू के कमरे में प्रवेश कर गई, वह सचमुच ही पुस्तक खोल कर बैठा था | मैडम ने उसके कमरे में इतनी तीव्रता से प्रवेश किया कि टीटू को संभलने का मौका ही नहीं मिला | मैडम जी ने उसके हाथ से यह जानने के लिए कि ऐसी कौन सी किताब है जो टीटू जैसे उद्दंड विद्यार्थी को भी आकर्षित कर सकती है | उत्सुकतावश मैडम ने किताब को टीटू के हाथों से छीन ही लिया था | मैडम के आचार्य का ठिकाना नहीं रहा जब उसने देखा कि टीटू के हाथ में जो किताब थी उसका नाम था ‘सामान्य विज्ञान’ मगर जो किताब वह पढ़ रहा था वह एक नॉवेल था जिसका नाम था ‘पहला प्यार’ और यह नॉवेल बड़े अच्छे तरीके से सामान्य विज्ञान की किताब के अंदर छुपा कर रखा गया था |

टीटू को काटो तो खून नहीं, मैडम के सामने उसकी पोल खुल चुकी थी | मगर मैडम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की | उसने चुपचाप एक पेन उपहार स्वरूप उसे दिया और जितनी तेजी से टीटू के कमरे में आई थी उतनी ही तेजी से कमरे से बाहर भी चली गई | मगर टीटू हैरान था कि मैडम जी ने नॉवेल पढ़ने वाली बात उसके परिवार वालों से शेयर नहीं की |

मगर टीटू को जबरदस्त झटका तो उस समय लगा जब मैडम ने स्कूल में सारी कक्षा के सामने टीटू की तारीफ की और बच्चों से कहा, “हर बच्चे को टीटू जैसा बनना चाहिए क्योंकि कल टीटू के पापा बता रहे थे कि वह देर रात तक पढ़ता रहता है और कई बार तो उसे सुलाने के लिए उसके साथ जबरदस्ती भी करनी पड़ती है|”

बच्चे कनखियों से एक दूसरे को देख कर हंस रहे थे क्योंकि वे टीटू की वास्तविकता से परिचित थे | और इधर टीटू की आंखों से झर-झर आँसू बह रहे थे जो पश्चाताप के आँसू थे | उसने मन ही मन निश्चय कर लिया कि अब वह सचमुच ही वह ‘टीटू’ बनकर दिखाएगा जिसकी तारीफ उसके पिताजी कर रहे थे |

Daily News Bulletin

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Mandi Disaster Relief: 1317 Families Get Aid

In line with CM Sukhu’s directives, the Mandi district administration is actively carrying out relief and rescue operations...

CM: Mandi Returning to Normal, Rent Support Announced

CM Sukhu on Friday assured that the situation in the disaster-affected Seraj constituency of Mandi district, hit by...

शिमला में वन अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला

वन क्षेत्रों में रहने वाले पात्र परिवारों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी और लाभ सुनिश्चित करने के...

Raj Bhavan Marks Lord Ram Idol Anniversary

The first anniversary of the installation of the divine idol of Lord Shri Ram was celebrated with spiritual...