गाय-दान: एक लघुकथा
रणजोध सिंह गुप्ता जी की बयानबे वर्षीय माताश्री मृत्यु शय्या पर थी। पिछले चार-पांच दिन से उन्हें कई बार यह सोचकर जमीन पर लिटाया गया...
दो सहेलियाँ — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
बहुत कम लोग होते हैं जो अपने बचपन के दोस्तों के साथ ताउम्र रिश्ता बनाये रखते हैं, खासतौर पर लडकियाँ | लेकिन पाखी...
बटन — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
हमारे देश में माता-पिता और गुरु को देवताओं के समकक्ष रखा गया है | इनमें भी माता का दर्जा सबसे महान है क्योंकि...
Discovering ‘Dwapar Yug’ or an Innovative Device for Coma: Futuristic Science, It’s All about Imagination
Deebanshi Batra, Class 8, Swarnprastha Public School, Sonepat
Science has no limits as it’s all about imagination. Many things have been invented and discovered by...
रिश्ते — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
उन रिश्तों को निभाऊं कैसे
जिनमें थोड़ा भी प्यार नहीं
ऐसे रिश्ते किस काम के हैं
जिन्हें दिल मानने...
इतनी सी हमदर्दी — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
संध्या अपने रोते-बिल्खते नन्हे शिशु को किसी तरह नौकरानी के हवाले कर, हांफते हुए बस-स्टैंड पहुँची, परन्तु बस पहले ही निकल चुकी थी...