अनामिका मल्होत्रा
माँ तू अनूप है,
‘इश्क़’ का स्वरुप है,
आप ही की दें से,
ये मेरा रंग रूप है…
माँ से ही आरम्भ मेरा,
माँ ही मेरा अंत है,
क्या क्या न तुझको उपमा दूँ,
तूने जो सिखाया बे अंत है…
माँ रंग तू है, राग तू है,
गृहस्थ में वैराग तू है,
मेरी लेखनी का शब्द तू,
कभी आकार, कभी निशब्द तू,
जब कठोर है तो लोह है,
कुछ ऐसा तेरा मोह है,
स्वर्ण सी आभा तेरी,
चन्दन भी तू, शीतल भी तू है …
Bio Note: Anamika Malhotra is a Krishna devotee, a soloist singer, a philanthropist, an inspirational blogger, spiritual Tarot card reader, a poet, a lyricist and a motivational speaker who has a bright and sanguine eye towards life!