February 23, 2025

मैं सिर्फ दवाई देता हूं — प्रो. रणजोध सिंह

Date:

Share post:

प्रो. रणजोध सिंह

बड़े अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे साफ-साफ बता दिया कि तुम्हारे पिताजी को कैंसर है जो अपनी अंतिम अवस्था में पहुंच गया है l साथ ही उन्होनें यह भी खुलासा किया कि उनके अस्पताल में जितने भी मौजूदा इलाज हैं, उतने कारगर नहीं हैं कि चौथी स्टेज पर पहुंचे मरीज को कोई खास फायदा हो सके l बेहतर है कि मैं उन्हें घर ले जाऊँ और उनकी खूब सेवा करूं l

मैं उन्हें घर तो ले आया मगर अत्यंत भारी मन से l घर आकर मित्रों ने सलाह दी कि एक बार पिताजी को साथ लगते शहर श्री आनंदपुर साहिब के मशहूर डॉक्टर कंग को दिखा लू तो बेहतर रहेगा l उन दिनों वे उस शहर के सरकारी अस्पताल में कार्यरत थे l जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने पिता श्री के अनेकों टेस्ट करवाएं और मुझे बताया कि बहुत देर हो चुकी है इन्हें बचाया तो नहीं जा सकता मगर फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि इनकी शेष जिंदगी कष्टकारी न हो l  

मैंने तुरंत अपने पिताजी को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया l उसी हॉस्पिटल में डॉक्टर कंग के पिताजी भी भर्ती थे l उनका कमरा मेरे पिताजी के कमरे के बिल्कुल साथ था l डॉक्टर कंग यूं तो हर मरीज का ध्यान रखते थे, और सदैव अपने होंठों पर एक मधुर मुस्कान लिए हुए मिलते थे, मगर अपने व मेरे पिताजी का विशेष ध्यान रखते थे l इससे डॉक्टर कंग की विद्वता कहे या ईश्वर का चमत्कार, मेरे पिता जी दिन-व-दिन स्वस्थ होते गए, पहले हम बच्चों के सहारे बिस्तर से जमीन पर खड़े हुए… फिर वाकर के सहारे दो कदम चले… फिर लाठी का सहारा लेकर चलने लगे… फिर वह दिन भी आया जब वे स्वयं अपने पैरों पर चलकर घर पहुंच गए l

इस घटना के बाद लगातार तीन साल तक उनका असीम स्नेह हमें मिलाता रहा l अंततः एक दिन ऐसा भी आया, जब वे सारी मोह-माया को छोड़ कर सदा-सदा के लिए अंतर्ध्यान हो गए l उनके स्वर्गवासी हो जाने के बाद मन में आया कि ये सूचना डॉक्टर साहिब को अवश्य देनी  चाहिए, अतः मैं डॉक्टर कंग से मिलने उनके अस्पताल गया l उन्होंने दुख जताते हुए अपनी संवेदना प्रकट की l मैंने फिर भी दिल की गहराई से उनका आभार प्रकट करते हुए कहा कि मेरे पिता जी के बारे में तो कई साल पहले ही डॉक्टरों ने बता दिया था कि उनका समय खत्म हो चुका है, मगर यह तो आपकी मेहरबानी हो गई कि हम लोग इतने साल और उनके साथ रह लिए l

डॉक्टर कंग ने हंसते हुए जवाब दिया, “आपको याद होगा, जिन दिनों आपके पिता जी अस्पताल में दाखिल थे उन दिनों मेरे पिता जी भी उसी अस्पताल में दाखिल थे l मैं एक डॉक्टर भी था और उनका पुत्र भी, आप अंदाजा लगा सकते हो कि मैंने उनकी सेवा सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखी होगी l मगर फिर भी मैं उन्हें न बचा सका और उन्हें इतना मौका भी नहीं मिला कि वह अस्पताल से घर वापिस जा सके, जबकि आपके पिताजी स्वास्थ्य-लाभ प्राप्त कर न केवल अपने घर चले गए बल्कि आप लोगो को तीन साल तक और उनका साथ मिला l”

डाक्टर कंग थोड़ी देर के लिए रुके और फिर ठंडी आह भरकर कहने लगे, “प्रोफेसर साहब, मैं सिर्फ दवाई देता हूं इलाज तो वही ऊपर वाला करता है l”

             

Daily News Bulletin

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

All Departments Should Be Prepared to Handle Drought-Like Conditions” – Anupam Kashyap

District-Level Meeting on Drought Assessment and Water Shortages Due to Low Rainfall, Held Under the Chairmanship of Deputy...

Government Takes Strong Measures to Eliminate Caste-Based Discrimination in Prisons

As part of ongoing efforts for systemic reform, Himachal Pradesh has taken a significant step toward eliminating caste-based...

SJVN hosting 24th Inter-CPSU Cricket Tournament

SJVN is organising 24th Inter-CPSU Cricket Tournament under the aegis of Power Sports Control Board (PSCB), Ministry of...

Manav Sampda Portal: Access Your Departmental Examination Results from HIPA Shimla

A spokesperson of Board of Departmental Examination, HIPA (Shimla) today inform that the result of Departmental Examination conduct...