Tag: Prof Ranjodh Singh
गणित दोस्ती का — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
अंकित रात भर सो ना पाया था | मस्तिष्क में स्मृतियाँ किसी चल चित्र की भांति चल रही थीं | उसने देखा राजू उसका सबसे प्रिय मित्र है, जिसके साथ...
उड़ान — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
विवाह के लगभग तीन साल बाद केसरो अपने गांव की सबसे सुघड़ महिला जिसे सभी लोग प्यार से ‘मौसी’ कहते थे, से मिलने आई थी | अकसर बेटियाँ विवाह उपरांत...
आचरण — लघु कथा; रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
उस दिन स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह था, प्रधानाचार्य राम प्रकाश जी ने ओजस्वी भाषण देते हुए स्पष्ट किया, “लोग हमारी बातों से नहीं, हमारे आचरण से सीखते हैं,...
मैं सिर्फ दवाई देता हूं — प्रो. रणजोध सिंह
प्रो. रणजोध सिंह
बड़े अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे साफ-साफ बता दिया कि तुम्हारे पिताजी को कैंसर है जो अपनी अंतिम अवस्था में पहुंच गया है l साथ ही उन्होनें यह भी...
आंवले का पेड़ — प्रो. रणजोध सिंह
प्रो. रणजोध सिंह, सन विला फ्रेंड्स कॉलोनी, नालागढ़, जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश
इस अलौकिक दुनिया में प्रत्येक आदमी के यूं तो अनेक सपने होते हैं परंतु ‘खुद का घर’ एक ऐसा सपना...
एक दादा बूढ़े से — प्रो. रणजोध सिंह
प्रो. रणजोध सिंह
राम प्रसाद जी ने स्वयं को कमरे में ही कैद कर लिया था, ताकि उनकी खांसी से घर के अन्य सदस्यों को परेशानी न हो | उनका बेटा सुबह-शाम...