भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
शेर दिल खड़ें हैं सरहद पर
दिन रात रहे दहाड़
दुश्मन कहीं दिखा नहीं
हुई समझो दो-फाड़।
थर-थर दुश्मन कांपता
छुपने को ढूंढता दिवार
इन शेरों से कोई हमें बचाओ
विनती करता बारम्बार।
इन शेरों के कारण सुरक्षित
हम और हमारा देश
इन के स्वाभिमान को तुम
कभी मत पहुंचाना ठेस।
सुखी अगर रहना है हमको
तो तन,मन,धन से दो इनका साथ
ताकि हमारी रक्षा ये करते रहे
और इनकी रक्षा करता रहे भोलेनाथ ।