उमा ठाकुर, शिमला
सैंटा क्लाज पोटली समेटे,
घूम रहा है शहर–शहर, गाँव–गाँव, गली-गली में,
तौहफ़ों का अंबार यिशु का प्यार लिए ।।
शहर-शहर सैंटा बना क्रिसमस पार्टी की...
सीताराम शर्मा सिद्धार्थ
कुत्ते कविता और मैं
हम तीनों साथ रहते हैं
सुबह होती है
मैं सोया पड़ा हूं
सबसे पहले कुत्ते भौंक कर
भरते हैं वातावरण में चैतन्यता
मुझे जगाते...