December 5, 2024

सोचती हूँ — दीप्ति सारस्वत का काव्य संग्रह विमोचन

Date:

Share post:

Deepti Saraswat Writer

Deepti Saraswat Writer कीकली रिपोर्टर, 25 दिसंबर, 2018, शिमला

हिमाचल की बेटियाँ किसी से कम नहीं, इसका ज्वलंत उदाहरण आज क्रिसमस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में उस समय देखने को मिला जब कलम की ताकत रखने वाली हिमाचली कवयित्री दीप्ति सारस्वत के प्रथम काव्य संग्रह का अनुराधा प्रकाशन के तहत नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में विमोचन हुआ।

Deepti Saraswat Writer इतिहास बनने वाले इन सुनहरे पलों में मुख्य अतिथि कवि गीतकार पंकज शर्मा असोसियेट एग्ज्यूक्यूटिव प्रोड्यूसर आज तक, वरिष्ठ साहित्यकार व कवयित्री व अभिव्यक्ति संस्था अध्यक्षा मधुबाला, क्रियेटिव डायरेक्टर व निष्ठावान समाजसेविका डॉ कविता मल्होत्रा, डॉ मनमोहन शर्मा प्रकाशक व संपादक अनुराधा प्रकाशन व डॉ इंद्र सिंह सूर्यान ने मंच सुशोभित किया। इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे साहित्यकारों व पत्रकारों की उपस्थिती ने इन ऐतिहासिक पलों को यादगार बना डाला।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के बंजार में 22 मई 1976 को जन्मी दीप्ति सारस्वत ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से हिन्दी और अंग्रेजी में स्नातकोतर की डिग्री हासिल की व वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रत्नाड़ी में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर हिन्दी के पद पर अपनी सेवाएँ जारी रखे हुए हैं।

Deepti Saraswat Writer साहित्य की दुनियाँ में अपने इस आगाज के साथ दीप्ति सारस्वत ने कीकली से विशेष बातचीत के दौरान अपने विचार साझा कर साहित्य की काबलियत रखने वाली प्रदेश की नई पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि अच्छा इंसान बनकर अच्छी सोच के साथ संवेदनशील बनकर ही अच्छा लिखा जा सकता है। किसी भी कलाकार में इन गुणों का समाहित होना आवश्यक है।

दीप्ति ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि  साहित्य कि दुनियाँ में ये मेरा पहला कदम है और कला किसी भी उम्र में एक सही समय पर पनपते हुए उभर कर सामने आ सकती है। किसी भी क्षेत्र में केवल निश्छल रूप से लगातार मेहनत से ही आगे बढ़ा जा सकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएँ दे रहीं दीप्ति सारस्वत का मानना है कि साहित्य के क्षेत्र में सही लेखन के लिए च्यनित भाषा पर पकड़ होने के साथ-साथ कलात्मकता व संवेदनशीलता का होना लाज़मी है। तभी विचारों को व्यक्त किया जाना संभव हो सकता है और अपने इन्हीं विचारों से हम अपने छात्रों को अवगत करवाते हुए भाषा के सही ज्ञान व विचारों को सृजनात्मक बनाए जाने की प्रेरणा देते हैं।

Deepti Saraswat Writer दीप्ति के अनुसार भविष्य में उन्हें इसी क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ना है और हर तरह की कविताओं का सृजन करना है साथ ही कहानी के क्षेत्र में भी कुछ बेहतर कर गुजरने की तमन्ना है और अपने लेखन के दम पर सभी पाठकों को दिल से जोड़ने की ख्वाइश रखती हैं ताकि पाठक पढ़ते हुए ऐसा प्रतीत करें जैसे वे स्वयं के जीवन के पलों को शब्दों में एक बार फिर जिए जा रहें हों। दीप्ति के अनुसार अभी बहुत कुछ करना है, उनके लिए अभी गलतियों से लगातार सीखने का समय है, मेहनत से आगे बढ़ना है अभी ये शुरुआत है।

साहित्य ज्ञान का सागर सफलता पूर्वक पार कर चुकी हस्तियों में विनोद विट्ठल के विचार यहाँ इतिहास के इन लम्हों को सार्थक सिद्ध करते हैं। विनोद विट्ठल के अनुसार नए कवि ओस की तरह होते हैं। नए चमकदार और कोरे, इसीलिए किसी कवि की पहली किताब बारिश की बूंद की तरह नई होती है। संभावनाओं से भरी और एक नई दुनियाँ का पता देती हुई। नए कवि की अपनी उर्वरता होती है जिसमें किसी नए ब्रह्मांड के घटित हो सकने की संभावना छिपी होती है और इन पंक्तियों को लिखते समय मैं ऐसी ही किसी संभावना की प्रतीक्षा में हूँ।

Deepti Saraswat Writer चाँद का हल बनाकर आसमान की खेती करने का प्रतीक नया कवि ही गढ़ सकता है। पौराणिकता को चुनौती देते हुए उसे सृजन की टाइम मशीन से ड्रेग करके प्रासंगिक बना देने का हुनर भी नए कवि के ही पास हो सकता है।

कविता अपने महीन अर्थ में जिस सार्वकालिक नैतिकता की पुनर्स्थापना और लूजर का साथ देने की कोशिश करती है। वह कविता को हर काल में एक जरूरी प्रति–सत्ता के रूप में स्थापित करती है। इन्हीं अर्थों  में कविता अहर्निश चल रही एक विश्व संसद है। बहुत सारे माध्यमों, कला रूपों और वाचिक अभीव्यक्तियों के बावजूद, जीवन और इसके भीतर की परतें निरंतर एक्सप्लोरेशन मांगती हैं जो कविता में ही संभव है।

जीवन के कुछ दृश्य केवल कविता के छिद्र से ही देखे जा सकते हैं। दीप्ति सारस्वत की पहली किताब हमें अपनी आँख से जीवन दिखाए और हम तस्दीक करें, इससे बेहतर और क्या होगा। ज्ञान बांटते इन  सुंदर शब्दों के साथ महान हस्ती विनोद विट्ठल दीप्ति सारस्वत को अपनी शुभकामनाएँ देते हैं।

निश्चित तौर पर साहित्य के आकाश पर देवभूमि की इस बेटी का पदार्पण बुलंदियों को छूने की काबलियत का आगाज़ है। दीप्ति की इस उपलब्धि पर देश के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को अपनी इस होनहार बेटी की इस काबलियत पर नाज है। साहित्य की इस नई परी के सुंदर भविष्य के लिए “कीकली” की ओर से ढेरों शुभकामनाएँ व बधाई I

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Maha Kumbh Mela 2025: The World’s Largest Spiritual Gathering in Prayagraj

The Maha Kumbh Mela, celebrated as the world's largest spiritual gathering, is a breathtaking convergence of faith, culture,...

Science Communication in Indian Languages: Apni Bhasha Apna Vigyan

Science Literature Festival one of the most prominent events of the IISF 2024, commenced on 1stDecember with an...

IISF 2024 Highlights: Moon Replica, Sagarika, and Fusion Forum

The 10th India International Science Festival (IISF) held at IIT Guwahati was started from November 30th and culminated...

शिमला में मोबाइल टावर नीति को लागू करने पर चर्चा

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां रोहड़ू उपमंडल के अंतर्गत चांशल पीक को पर्यटन की...