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Persistence, Feelings & Expression Are Necessary to Become a Writer
https://youtu.be/-OcDvUacXTI
After years of experience as an accountant and an auditor with the Himachal Pradesh Tourism Development Corporation, Ranjodh Singh finally found his calling when he resigned and joined as a teacher...
रोटी माँ के हाथ की — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
श्यामली के बार-बार समझाने पर भी उसका पति निखिल अंतिम समय तक अपने बुजुर्ग माँ-बाप को यह न बता पाया कि वह सदा-सदा के लिए विदेश जा रहा है |...
शिष्टाचार — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
भोला राम जिसे प्यार से गाँव के सभी लोग भोलू कहकर पुकारते थे, आरम्भ से ही न केवल कुशाग्र बुद्धि का स्वामी था अपितु अत्याधिक मेहनती भी था | यही...
संतुलन — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
शिमला जैसे सर्द शहर में, सर्दी की परवाह किये बगैर विनय अपने कमरे में बठकर कंप्यूटर के साथ माथा-पच्ची कर रहा था जबकि उसकी पत्नी और बच्चे बाहर खिली हुई...
व्यक्तित्व — बातचीत का कारवां: 52 Weeks; 52 Personas; 52 Interviews
Keekli Book Club presents yet another innovative idea that gives wings to our young budding readers and writers from Shimla City, who will now sit with senior writers in engaging conversations,...
उड़ान — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
विवाह के लगभग तीन साल बाद केसरो अपने गांव की सबसे सुघड़ महिला जिसे सभी लोग प्यार से ‘मौसी’ कहते थे, से मिलने आई थी | अकसर बेटियाँ विवाह उपरांत...
कागज़ की नांव — डॉ उषा बन्दे
डॉ उषा बन्दे
बाहर मुसलाधार बारिश हो रही थी। लंच ब्रेक की घंटी बजी। बच्चों को ताकीद मिली कि लंच ब्रेक में कोई भी बाहर नहीं जाएगा। कक्षा में बैठकर ही खाना खाएं।...
नटखट भयो राम जी — गंगा राम राजी
गंगा राम राजी
दादा राम के घर दो पोते, बस समझो सारे घर में कोहराम सा मच जाता जब दोनों बच्चे स्कूल से घर पहुंचते। दादा की नजरें भी पोते पर हमेशा...
उपहास (कहानी) — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
मई का महीना था| शिमला का माल रोड सदा की भांति सैलानियों से भरा हुआ था| कंबरमियर पोस्ट ऑफिस के पास इंदिरा गांधी युवा खेल परिसर में सैलानियों को आकर्षित...
A, B, C of Slogan Writing — Workshop by Vivek Mohan
https://youtu.be/HkVrTR0V85s
A -- Accuracy; B -- Brevity; C -- Clarity... three main criteria for becoming a good writer as President's National Film Award winning documentary and film maker Vivek Mohan stated today...
नील गगन को छूने दो — 117 कविताओं का काव्य संग्रह; प्रियंवदा
प्रियंवदा, स्वतंत्र लेखिका, सुंदरनगर, हिमाचल प्रदेश
काव्या वर्षा ने ‘नील गगन को छूने दो’ में 117 कविताओं का काव्य संग्रह लिखा है, जिसका प्रथम संस्करण वर्ष 2021 में निकला । निखिल पब्लिशर्स...
Keekli’s Vision After the Release of Fiction Treasure Trove & Himachal Ke Rang
Poet & Lyricist Irshad Kamil during a workshop and discussion about various styles of writing. What to write, why to write, how to begin and how to review your own work....