कीकली रिपोर्टर, 25 दिसंबर, 2018, शिमला
हिमाचल की बेटियाँ किसी से कम नहीं, इसका ज्वलंत उदाहरण आज क्रिसमस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में उस समय देखने को मिला जब कलम की ताकत रखने वाली हिमाचली कवयित्री दीप्ति सारस्वत के प्रथम काव्य संग्रह का अनुराधा प्रकाशन के तहत नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में विमोचन हुआ।
इतिहास बनने वाले इन सुनहरे पलों में मुख्य अतिथि कवि गीतकार पंकज शर्मा असोसियेट एग्ज्यूक्यूटिव प्रोड्यूसर आज तक, वरिष्ठ साहित्यकार व कवयित्री व अभिव्यक्ति संस्था अध्यक्षा मधुबाला, क्रियेटिव डायरेक्टर व निष्ठावान समाजसेविका डॉ कविता मल्होत्रा, डॉ मनमोहन शर्मा प्रकाशक व संपादक अनुराधा प्रकाशन व डॉ इंद्र सिंह सूर्यान ने मंच सुशोभित किया। इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे साहित्यकारों व पत्रकारों की उपस्थिती ने इन ऐतिहासिक पलों को यादगार बना डाला।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के बंजार में 22 मई 1976 को जन्मी दीप्ति सारस्वत ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से हिन्दी और अंग्रेजी में स्नातकोतर की डिग्री हासिल की व वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रत्नाड़ी में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर हिन्दी के पद पर अपनी सेवाएँ जारी रखे हुए हैं।
साहित्य की दुनियाँ में अपने इस आगाज के साथ दीप्ति सारस्वत ने कीकली से विशेष बातचीत के दौरान अपने विचार साझा कर साहित्य की काबलियत रखने वाली प्रदेश की नई पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि अच्छा इंसान बनकर अच्छी सोच के साथ संवेदनशील बनकर ही अच्छा लिखा जा सकता है। किसी भी कलाकार में इन गुणों का समाहित होना आवश्यक है।
दीप्ति ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य कि दुनियाँ में ये मेरा पहला कदम है और कला किसी भी उम्र में एक सही समय पर पनपते हुए उभर कर सामने आ सकती है। किसी भी क्षेत्र में केवल निश्छल रूप से लगातार मेहनत से ही आगे बढ़ा जा सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएँ दे रहीं दीप्ति सारस्वत का मानना है कि साहित्य के क्षेत्र में सही लेखन के लिए च्यनित भाषा पर पकड़ होने के साथ-साथ कलात्मकता व संवेदनशीलता का होना लाज़मी है। तभी विचारों को व्यक्त किया जाना संभव हो सकता है और अपने इन्हीं विचारों से हम अपने छात्रों को अवगत करवाते हुए भाषा के सही ज्ञान व विचारों को सृजनात्मक बनाए जाने की प्रेरणा देते हैं।
दीप्ति के अनुसार भविष्य में उन्हें इसी क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ना है और हर तरह की कविताओं का सृजन करना है साथ ही कहानी के क्षेत्र में भी कुछ बेहतर कर गुजरने की तमन्ना है और अपने लेखन के दम पर सभी पाठकों को दिल से जोड़ने की ख्वाइश रखती हैं ताकि पाठक पढ़ते हुए ऐसा प्रतीत करें जैसे वे स्वयं के जीवन के पलों को शब्दों में एक बार फिर जिए जा रहें हों। दीप्ति के अनुसार अभी बहुत कुछ करना है, उनके लिए अभी गलतियों से लगातार सीखने का समय है, मेहनत से आगे बढ़ना है अभी ये शुरुआत है।
साहित्य ज्ञान का सागर सफलता पूर्वक पार कर चुकी हस्तियों में विनोद विट्ठल के विचार यहाँ इतिहास के इन लम्हों को सार्थक सिद्ध करते हैं। विनोद विट्ठल के अनुसार नए कवि ओस की तरह होते हैं। नए चमकदार और कोरे, इसीलिए किसी कवि की पहली किताब बारिश की बूंद की तरह नई होती है। संभावनाओं से भरी और एक नई दुनियाँ का पता देती हुई। नए कवि की अपनी उर्वरता होती है जिसमें किसी नए ब्रह्मांड के घटित हो सकने की संभावना छिपी होती है और इन पंक्तियों को लिखते समय मैं ऐसी ही किसी संभावना की प्रतीक्षा में हूँ।
चाँद का हल बनाकर आसमान की खेती करने का प्रतीक नया कवि ही गढ़ सकता है। पौराणिकता को चुनौती देते हुए उसे सृजन की टाइम मशीन से ड्रेग करके प्रासंगिक बना देने का हुनर भी नए कवि के ही पास हो सकता है।
कविता अपने महीन अर्थ में जिस सार्वकालिक नैतिकता की पुनर्स्थापना और लूजर का साथ देने की कोशिश करती है। वह कविता को हर काल में एक जरूरी प्रति–सत्ता के रूप में स्थापित करती है। इन्हीं अर्थों में कविता अहर्निश चल रही एक विश्व संसद है। बहुत सारे माध्यमों, कला रूपों और वाचिक अभीव्यक्तियों के बावजूद, जीवन और इसके भीतर की परतें निरंतर एक्सप्लोरेशन मांगती हैं जो कविता में ही संभव है।
जीवन के कुछ दृश्य केवल कविता के छिद्र से ही देखे जा सकते हैं। दीप्ति सारस्वत की पहली किताब हमें अपनी आँख से जीवन दिखाए और हम तस्दीक करें, इससे बेहतर और क्या होगा। ज्ञान बांटते इन सुंदर शब्दों के साथ महान हस्ती विनोद विट्ठल दीप्ति सारस्वत को अपनी शुभकामनाएँ देते हैं।
निश्चित तौर पर साहित्य के आकाश पर देवभूमि की इस बेटी का पदार्पण बुलंदियों को छूने की काबलियत का आगाज़ है। दीप्ति की इस उपलब्धि पर देश के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को अपनी इस होनहार बेटी की इस काबलियत पर नाज है। साहित्य की इस नई परी के सुंदर भविष्य के लिए “कीकली” की ओर से ढेरों शुभकामनाएँ व बधाई I
बहुत-बहुत बधाई