ईश्वर तुम्हारा भला करे – रणजोध सिंह
रणजोध सिंह, नालागढ़एक तो सड़क तंग थी और उस पर ट्रैफिक भी काफी ज्यादा था, अत: जोशी जी बहुत धीरे-धीरे कार चला रहे थे|...
गागर में सागर भरने का नाम है लघुकथा – रणजोध सिंह
लघुकथा का ज़िक्र आते ही ज़ेहन में उस सारगर्भित कहानी का चित्र उभरता है जो अपनी बात सीधे-सीधे बिना किसी विस्तार से, बिना किसी...
सुनहरे पल (लघुकथा)
रणजोध सिंहशर्मा जी एक साधन संपन्न परिवार के मुखिया थे| उनके घर के हर कमरे में पंखा तथा ऐ.सी. (वातानुकूलक यंत्र) लगा हुआ था|...
विश्वास: एक लघुकथा
रणजोध सिंह सेठ धनाराम जी दर्द से कहराते हुए गांव के मशहूर वैद्य जी के पास पहुंचे और आते ही लगभग चिल्लाते हुए बोले, “वैद्य...
बेकार की बातें (लघुकथा)
रणजोध सिंहहर कवि मंच पर आते ही औपचारिकतावश सर्वप्रथम आयोजकों का धन्यवाद व तारीफ़ कर रहा था, विशेष रूप से मुख्य आयोजक की।...
उच्च शिक्षा: एक लघुकथा
रणजोध सिंह“बेटा मन लगाकर पढ़ाई करो और जल्दी से अपने पैरों पर खड़ी हो जाओ ताकि तुम्हें किसी की गुलामी न करनी पड़े।”...