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राखी का त्यौहार — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ।
कितना प्यारा कितना पवित्र
है राखी का त्यौहार
एक कच्चे धागे में बंध जाता
जन्मों का भाई-वहिन का प्यार ।
जब कोई भाई अपनी वहिन को
दे...
तुम फूल मैं हूँ इक भँवरा — गजल; भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ।
खत लिखता हूं जबाव आयेगा
कभी तो मुझ पर प्यार आयेगा
उस दिन का इंतजार है मुझे
जब तुझे मुझ पर एतवार आयेगा
सोचता हूं...
मित्र — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ।
मित्र तो मित्र के संकट पर
रात-रात भर नहीं सोते
जो मुसीबत पर साथ न दे
वे कभी मित्र नहीं होते ।
मित्र हुए संसार...
तुम मुझे अपना प्यार देना — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा, डाकखाना हटवाड़, उप-तहसील भराड़ी, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
यह वादा तो नहीं करता
आसमान से तारे तोड़ लाऊंगा
मगर इतना विश्वास जरूर दिलाता हूं
जिंदगीभर तुम्हारा साथ निभाऊंगा ।
चाहे दुख आए...
आसरा छत का — नीलम भट्ट
नीलम भट्ट, नई दिल्ली
बरसों पहले की बात है, एक बड़े से शहर के छोटे से हिस्से में एक छत हुआ करती थी। छतें तो बहुत रही होंगी, लेकिन उस छत...
We are Fake Innocent People — Sahaj Sabharwal
Sahaj Sabharwal, Jammu City, Jammu and Kashmir, India
Clapping after watching others's clap,
Hesitation in being as a pioneer, under hands of others like puppets under nap.
Promoting someone after watching a trend in promotion,
Everyone...
ओ दिसम्बर! — नीलम भट्ट
Neelam Bhatt, New Delhi
कभी-कभी लगता है, जैसे कैलेंडर के पन्ने तो पलटे, पर समय बीता ही नहीं। वह वहीं खड़ा है। पिछले साल दिसम्बर से यही कहा था कि अगली बार...
A Psalm of Life; Oh! My Dear Face — Collection of Poems by Ananta Kumar...
Ananta Kumar Singh, Ravenshaw University, Department of English, Odisha
A Psalm of Life
Life has an itinerary
You have to choose
To determine corruption and literary
You should not be confused
Life is short
Don't make it defer
Standing on...
विरासत — दीप्ति सारस्वत प्रतिमा
दीप्ति सारस्वत प्रतिमा, शिमला
घर भर में और आस पास
अपने से कमज़ोर दिखते उसे
बस अपने बच्चे
उधर सास ने जली कटी सुनाई
इधर किसी भी
न मालूम बात पर
बच्चे की शामत आई
पति शराब पी कर...
Oh! My Dear Face — Poem by Ananta
Ananta Kumar Singh, Ravenshaw University Department of English, Odisha
Oh! My dear face
Never be upset
I didn't come to pimples
I didn't come to dimples
Oh! My dear face
Never be upset
I didn't come to wrinkles
I...
आज पुरुष दिवस पर विशेष: पुरुष — दीप्ति सारस्वत
दीप्ति सारस्वत
मुझे मधुमक्खी ने काटा एक बार
मुहल्ला सर पर
उठा लिया मैंने
विचलित से तुम कभी
रगड़ रहे थे लोहा
बुरी तरह सूज गए मेरे हाथ पर
तो कभी बदहवासी में
टटोल रहे थे कोई दवा
जब तक...
सोचती हूँ — लौह पुरूष वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में राष्ट्रीय एकता पर...
दीप्ति सारस्वत प्रतिमा
सोचती हूँ
1
पले हैं हम बढ़े हैं
एक स्वतंत्र राष्ट्र में
राष्ट्र जो है
भारत इंडिया हिन्दोस्तान
जो जिस नाम से पुकारे
लौटा कर देता प्रेम
सबको एक समान
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2
कहती मैं मोची को
भाई सिल दो मेरे जूते
कड़कती...