डिम्पल ठाकुर (हिना)
जब हम अजनबी हो जाएंगे,
तुम मुझे देख कर नज़रे फेर लोगे,
मैं तुम्हें देख कर नज़रे झुका लूंगी।
दिल की बात होंठों तक आते-आते,
ज़ुबान...
दीपक भारद्वाज
एक गांव से
निकलते हैं जब
नन्हे-नन्हे कदम
किसी सुदूर देश की सरहद के लिए
फिर वापिस, आ पाते हैं बहुत ही कम
क्योंकि वो नहीं देखते
निकलने के...
अशोक दर्द,
गांव घट्ट, डाकघर शेरपुर,
तह डलहौजी, जिला चम्बा, हिमाचल प्रदेश
धान की पनीरी की तरह
पहले बीजी जाती हैं लड़कियां
थोड़ा सा कद बढ़ जाये
थोड़ा सा रंग...