उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में 9 बाल एवं बालिका आश्रम, एक विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी एवं ऑब्जर्वेशन होम विद्यमान है जिसमे 324 बालक/बालिकाओं को संरक्षण मिल रहा है तथा यह समस्त शिशु गृह बाल संरक्षण अधिनियम के मानकों के तहत पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि जिला में क्रेडल नवजात केन्द्र दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला, कमला नेहरू अस्पताल शिमला व महात्मा गांधी चिकित्सा संस्थान खनेरी, रामपुर में स्थापित किए गए हैं तथा इनके रख-रखाव के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिला के सभी बाल देखभाल संस्थान का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की कमियों को दुरुस्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिला के प्रत्येक शिशु गृह में काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है तथा समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप भी आयोजित किए जाते हैं, जिससे बालक/बालिकाओं का मानसिक एवं शारीरिक विकास संभव हो सके। उपायुक्त ने बताया कि जिला में आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत 8 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। फोस्टर केयर योजना के अंतर्गत 62 लोगों को लाभान्वित किया गया है जिस पर लगभग 5 लाख 15 हजार रुपए की राशि आवंटित की गई है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा, बाल संरक्षण अधिकारी, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा, जिला समन्वयक चाइल्डलाइन एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।