उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र राजकीय महाविद्यालय संजौली में डिजिटल इंडिया संकल्पना और निहितार्थ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रारंभ हुआ। इस संगोष्ठी में देश और प्रदेश के करीब 120 प्रतिभागी निर्धारित विषय पर अपनी शोध पर प्रस्तुति दे रहे हैं । आज उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके खोसला ने कहा डिजिटल आज की अनिवार्यता है । संपूर्ण व्यवस्था से लेकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग अपेक्षित है । मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर पीके आहलूवालिया के अनुसार आज पूरा संसार आदमी की मुट्ठी में है।

यह डिजिटल के प्रतिफल ही है डिजिटल तकनीक के माध्यम से महीनों का काम दिन में, हजारों का काम सैकड़ों में ,और कम से कम परिश्रम में बड़ी सहजता से निपटाया जा रहा है डिजिटल तकनीक मनुष्य के विकास का सर्वोत्तम रूप है महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सी बी मेहता ने स्रोत विद और प्रतिभागियों का स्वागत किया। आज पैनल डिस्कशन में शूलिनी विश्वविद्यालय से प्रोफेसर आशीष और जेपी विश्वविद्यालय से डॉ शिखा मित्तल ने डिजिटल की वास्तविक परिभाषा और अवधारणा को व्यापक फलक पर स्पष्ट किया । सँगोष्टी के प्रबंधक सचिव डॉ आर एल शर्मा और संयोजक डॉ ध्यान सिंह ने दो दिवसीय संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की और इस आयोजन के उद्देश्य को स्पष्ट किया।अगले दिनों में प्रतिभागियों के शोध पत्रों का शोध प्रस्तुतीकरण होगा

Previous articleEffective Steps Taken To Facilitate Tourists Visiting The State
Next articleकोटशेरा एलुमनी एसोसिएशन’ का गठन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here