राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग हिमाचल प्रदेश और जिला ग्रामीण विकास अभिकरण जिला शिमला द्वारा आयोजित 10 दिवसीय सरस आजीविका मेला 2022 आज संपन्न हुआ। इस अवसर पर गेयटी थिएटर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण जिला शिमला संजय भगवती ने बताया कि इस मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को लगभग 40 लाख रुपए की आय अर्जित हुई है। उन्होंने बताया कि मेले के माध्यम से जहां स्वयं सहायता समूह को अपने हस्त निर्मित, पारंपरिक एवं ग्रामीण उत्पादों को विक्रय करने के लिए मंच मिला है वहीं हस्तशिल्प संस्कृति के विस्तार के लिए मार्ग भी प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से हस्तकला एवं हस्तशिल्प तथा ग्रामीण व पारंपरिक क्षेत्रों के कार्य तथा कलाकारों की आर्थिकी को मजबूती मिलती है।

उल्लेखनीय है कि 10 दिवसीय मेले के दौरान प्रदेश के 9 जिलों के अतिरिक्त देश की 13 अन्य राज्यों के हस्तशिल्प एवं पारंपरिक कलाकारों एवं समूह ने इसमें भाग लिया। मेले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल ,सिक्किम, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़ और गुजरात के स्वयं सहायता समूह शामिल हुए। गौरतलब है कि इस मेले में कुल 80 स्टॉल लगाए गए जिनमें 160 से अधिक कलाकारों की भागीदारी रही। इस दौरान प्रथम द्वितीय व तृतीय स्वयं सहायता समूह को पुरस्कृत किया गया, जिसमें बुशहर विकलांग स्वयं सहायता समूह को प्रथम इस समूह की आय लगभग तीन लाख के करीब रही, द्वितीय सारथी स्वयं सहायता समूह हरियाणा इनके द्वारा अर्जित आए 1 लाख 70 हजार के करीब की गई तथा तृतीय पुरस्कार न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह हमीरपुर को प्रदान किया गया जिसकी आए लगभग 1 लाख 50 हजार के करीब रही। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक एवं जिला मिशन प्रबंधक राष्ट्रीय आजीविका मिशन नरेश शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक रुचि ठाकुर ,विकास अधिकारी (महिला कार्यक्रम) साधना चैहान भी उपस्थित थे।

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