मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर शिमला में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार और महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर के नेतृत्व में भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों की लंबित मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने हिमाचल की संस्कृति और संस्कारों के अनुरूप राज्य का विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का कल्याण हमेशा ही प्रदेश सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने करोना काल में अध्यापकों द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास में सरकार के कर्मचारियों ने सदैव उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा सुविधाओं में हुए विस्तार की न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत बजट में समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बी.एड. तथा टी.ई.टी. योग्यता प्राप्त शास्त्री तथा भाषा अध्यापकों का पदनाम क्रमशः टीजीटी (संस्कृत) तथा टीजीटी (हिंदी) किया जाएगा। प्रवक्ता (स्कूल कैडर) तथा प्रवक्ता (स्कूल न्यू) श्रेणियों का समान पदनाम प्रवक्ता (स्कूल) किया जाएगा। इसके अलावा टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नत हो चुके अध्यापकों को मुख्य अध्यापक बनने के लिए एक विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अधिकांश मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास किए गए हैं और अन्य मांगों के समाधान की दिशा में भी सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं । शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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