उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि जिला शिमला मंे 11 बाल देखभाल संस्थान कार्यरत हैं, जिसमें 9 बाल-बालिका आश्रम, एक विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी व एक सम्प्रेक्षण गृह शामिल है, जिसमें 359 बच्चों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह बाल देखभाल संस्थान महिला एवं बाल विकास विभाग व एनजीओ के द्वारा चलाए जा रहे हैं तथा सभी संस्थान जेजे अधिनियम के तहत पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि हर एक बाल देखभाल संस्थान में परामर्शदाता है, जो बच्चों को समय-समय पर परामर्श प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हर एक बाल एवं बालिका आश्रम में नियमित तौर पर बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में 3 क्रेडल बेबी रिस्पेशन संस्थान स्थापित किए गए हैं, जिसमें कमला नेहरु अस्पताल शिमला, महात्मा गांधी सर्विस काॅम्पलेक्स खनेरी रामपुर तथा दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में है।

उन्होंने कहा कि आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत 7 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है तथा फोस्टर केयर योजना के तहत 72 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की देखरेख तथा अन्य सुविधाओं के मद्देनज़र जिला शिमला में समय-समय पर जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी द्वारा निरीक्षण किए जाते हैं ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि बच्चों में विभिन्न अधिनियमों के प्रति जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से जगह-जगह पर जागरूकता शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर, श्रम अधिकारी सीएम शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा तथा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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