जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई शिमला के अंतर्गत शिमला में प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारियों से विचार-विमर्श करके शिशु पालना केन्द्र दीन दयाल उपाध्याय शिमला (रिपन), कमला नेहरू अस्पताल शिमला तथा महात्मा गांधी चिकित्सा परिसर खनेरी रामपुर जिला शिमला में स्थापित किए गए हैं। उन्हांेने बताया कि जिला शिमला के अंतर्गत शिशु पालना गृह की स्थापना का उद्देश्य है कि यदि किसी को नवजात बच्चा कहीं पर मिलता है अथवा कोई माता-पिता नवजात बच्चों को अपने पास नहीं रखना चाहते हो तो उसे पालना गृह में छोड़ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि शिशु पालना गृह में नवजात शिशु को छोड़ने वाला व्यक्ति पालने के साथ लगी घंटी बजाकर इसका संकेत दे सकता है, घंटी की आवाज सुनकर ड्यूटी रूम में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ तुरन्त पालने के पास पहुंच कर बच्चे की स्वास्थ्य जांच उपरांत बच्चे को उचित माध्यम के द्वारा बाल कल्याण समिति शिमला के पास प्रस्तुत किया जाएगा व पूर्ण औपचारिकताओं के उपरांत नवजात शिशु को शिशु गृह टूटीकंडी भेजा जाएगा, जहां पर उचित देखभाल व पालन पोषण किया जाएगा तथा बाद में नियमानुसार गोद लेने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा/बच्चे/माता-पिता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। मानवता के इस पुनित कार्य में उचित योगदान की अपील की जाती है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने शिमला जिले के सभी माता-पिता और बच्चों को सूचित करते हुए बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई, शिमला महिला एवं बाल विकास विभाग शिमला व जिला प्रशासन शिमला के सहयोग से उपायुक्त कार्यालय में जिला बाल परामर्श केन्द्र की स्थापना की है। उन्हांेने बताया कि किशोर उम्र में उचित मनोवैज्ञानिक सहायता के लिए बच्चे विभिन्न मानसिक मुद्दों जैसे मनोवैज्ञानिक तनाव, चिंता विकार, सहकर्मी समूह दबाव, अवसाद, पारिवारिक मुद्दे, नशीली दवाओं के दुरुपयोग से पीड़ित हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई शिमला द्वारा प्रत्येक बुधवार को प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक कमरा नम्बर 106 जिला बाल संरक्षण इकाई शिमला के काउंसलर मनोज कुमार सहगल मोबाइल नम्बर 70182-84597 के माध्यम से बच्चे उपायुक्त कार्यालय शिमला में परामर्श ले सकते हैं।