शिमला शहर के संवेदनशील स्थानों पर रैली, जुलूस, धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी, जनसभा और वाद्ययंत्रों का प्रयोग पर प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही उन वस्तुएं का प्रयोग भी वर्जित रहेगा जिसका प्रयोग शस्त्र के तौर पर किया जा सकता है। इस संबंध में जिला दंडाधिकारी आदित्य नेगी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेशों के अनुसार किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, धरना-प्रदर्शन आदि आयोजित करने के लिए संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य होगा ताकि प्रशासन की ओर से कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियात बरती जा सके।

हालांकि ये आदेश डयूटी पर तैनात सेना, अर्ध-सैनिक बल और पुलिस बल पर लागू नहीं होंगे। ये आदेश 1 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और आगामी दो महीने तक प्रभावी रहेंगे। इन आदेशों की अवहेलना करने पर नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जारी आदेशों के अनुसार छोटा शिमला से कैनेडी हाउस, रिज मैदान, रेंडवज रेस्त्रां के 150 मीटर के दायरे में रिवोली सिनेमा तक, स्केंडल प्वाइंट से काली बाड़ी मंदिर तक, छोटा शिमला गुरुद्वारा से कसुम्पटी सम्पर्क मार्ग, छोटा शिमला चौक से राजभवन से होकर ओक ओवर तक, छोटा शिमला गुरुद्वारा की छोटा शिमला कसुम्पटी सड़क को जोड़ने वाली सीढ़ियों और पैदल रास्तों पर, कार्ट रोड़ से मजीठा हाउस का सम्पर्क मार्ग, एजी ऑफिस से कार्ट रोड की सड़क, सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय से चौड़ा मैदान, उपायुक्त कार्यालय के उपर पुलिस गुमटी से 50 मीटर तक लोअर बाजार की ओर उक्त गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा।

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