स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले सोलन में रक्तदान शिविर लगाने पर फिलहाल पाबंदी लगा दी गई है। जबकि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में रक्त की भारी कमी है। उमंग फाउंडेशन को 16 जनवरी को नालागढ़ में रक्तदान शिविर की अनुमति देने से एसडीएम नालागढ़ और सीएमओ द्वारा इनकार के बाद प्रो. अजय श्रीवास्तव ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से की है। मुख्यमंत्री को भेजे में पत्र उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा उन्होंने कहा कि फाउंडेशन कोविड संक्रमण के मुश्किल दौर में आईजीएमसी में मरीजों का जीवन बचाने के लिए 23 रक्तदान शिविर लगा चुका है। लेकिन दिक्कत स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में ही पेश आती है। पिछले साल मई में कंडाघाट के एसडीएम ने भी अनुमति देने से इंकार कर दिया था। तब भी मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद उनके हस्तक्षेप से अनुमति मिली थी।
हैरानी की बात है कि सोलन का जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव के 20 मार्च, 2020 और 17 मई 2021 के  दिशा निर्देशों को मानने के लिए भी तैयार नहीं है।  मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद स्वास्थ्य सचिव ने  17 मई 2021 को सभी जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्वयंसेवी संस्थाओं के रक्तदान शिविरों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन की शर्त पर अनुमति देने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र में प्रो अजय श्रीवास्तव ने कहा कि उमंग फाउंडेशन और जन कल्याण समिति नालागढ़ में 16 जनवरी को रक्तदान शिविर लगाना चाहते हैं। इसकी अनुमति के लिए जन कल्याण समिति के अध्यक्ष विशाल परमार नालागढ़ के एसडीएम महेंद्र पाल गुज्जर के पास गए तो उन्होंने अनुमति देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) के पास जाएं। बीएमओ का कहना है कि अनुमति मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) देंगे।
सोलन के सीएमओ डॉ. राजन उप्पल से जब प्रो. श्रीवास्तव ने बात की तो उन्होंने अनुमति देने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो वह रक्तदान शिविर की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि कोरोना बढ़ रहे हैं। यह बताने पर कि इस बारे में स्वास्थ्य सचिव 17 मई 2021 को सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर चुके हैं, डॉ उप्पल ने कहा, ” कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मैं फिलहाल अनुमति नहीं दूंगा।” प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सोलन जिला प्रशासन और सीएमओ के व्यवहार पर घोर निराशा और आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नौकरशाही मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। स्वयंसेवी संस्थाएं सरकार की सहायता के बिना रक्तदान शिविर लगाती हैं और उनके साथ प्रशासन इस तरह का व्यवहार करता है। उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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