राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 22 नवंबर, 2015, शिमला

राजधानी शिमला के प्रीमियर दयानंद पब्लिक स्कूल द्वारा स्कूल के प्राइमरी विंग का वार्षिक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा चौथी तक के छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल की प्रधानाचार्य द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। बच्चों द्वारा कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से की गई। कार्यक्रम के दौरान कक्षा नर्सरी के बच्चों द्वारा एक पेड़ की व्यथा अपनी कविता के माध्यम से बताई। बच्चों ने डू नोट कट मी क्राये दी ट्री कविता से उन्होंने बताया कि पेड़ को काटने पर उसे कितना दुख होता है।

इस अवसर पर बच्चों द्वारा बच्चों के जीवन में संस्कारों की क्या महत्वता है इसे भी नाटक द्वारा प्रदर्शित किया गया। बच्चों ने इस नाटक के द्वारा यह भी दर्शाया की बचपन से ही बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार होना जरूरी है। उनका आचरण इसी बात पर निर्भर करता है। कार्यक्रम में कक्षा एक के छात्रों ने मोटीवेडिट गीत बादल पे पांव है से दर्शकों का खुब मनोरंजन किया। इस दौरान नन्हे-मुन्नों ने प्रस्तुतियों से सब दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के कक्षा दूसरी के छात्रों ने ए रॉकेट कविता के माध्यम से बच्चों की कल्पना के बारे में दर्शाया। समारोह में बच्चों द्वारा पंजाब की मिट्टी की महक में बसा पंजाबी भांगड़ा और कविता पहली बारिश की ऐसी प्रस्तुति दी कि सभी नाचने को मजबूर हो गए।

बच्चों द्वारा इस तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें प्रत्येक प्रस्तुति से कोई न कोई संदेश जरूर मिल रहा था। कक्षा तीसरी के छात्रों ने इकोफ्रेडली दिवाली और बाल मजदूरी को रोकने का संदेश नाटक से दिया, तो वही कक्षा दूसरी के छात्रों ने जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिय़ां करती है बसेरा गीत पर नृत्य की बेमिसाल प्रस्तुति दी। जिसे वहां मौजूद सभी जिसकी दर्शकों ने खुब सराहा।

वार्षिक समारोह के समापन अवसर पर ग्रुप डांस के रूप में कक्षा तीसरी और चौथी ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में प्रत्येक प्रस्तुति से बच्चों ने अपने नृत्य और बारिश में खेलने में उन्हें कितना आनंद आता है कई कुछ दर्शाया। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसीपल ने बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की की सराहना की।  उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल द्वारा इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर करवाए जाते हैं, ताकि बच्चों को आगे बढऩे का मौका मिले और उनके अंदर की प्रतिभा को निखारा जा सके।

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