कीक्ली रिपोर्टर, 29 मार्च, 2016, शिमला
जिला शिमला में गर्भ धारण पूर्व और प्रसुति निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिशेध) अधिनियम,1994 के तहत गठित जांच दलों द्वारा जिला में माह नवम्बर 2015 से मार्च 2016 तक नौ अल्ट्रासांऊड केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया है। यह जानकारी जिला नोडल अधिकारी, शिमला डॉक्टर एच. आर. ठाकुर ने आज यहां जिला सलाहकार समिति की बैठक में दी।
जिला नोडल अधिकारी ने कहां कि जिला में सरकारी तथ निजी स्वास्थ्य केद्रो में स्थापित अल्ट्रासांऊड केंद्रों मे औचक निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से भू्रण लिंग जांच का कोई मामला सामने नहीं आया है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जिला में जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न कदम उठाए जा रहे है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। उन्होंने कहा कि नवम्बर माह मे लवी मेले के दौरान रामपुर तथा अतंर्राश्ट्रीय राश्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पीटरहॉफ शिमला में कन्या भ्रूण हत्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विषेश प्रदर्षनी लगाई गई तथा खण्ड स्तर पर स्वास्थ्य वार्ताओं का आयेाजन किया गया।
नोडन अधिकारी ने कहां कि गर्भ धारण पूर्व और प्रसुति निदान तकनीक अधिनियम 1994 का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही प्रावधान है। अधिनियम के तहत विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है।
बैठक में जिला उप-न्यायवादी अनूप षर्मा, बाल रोग विषेशज्ञ, डॉ. बी.आर. ठाकुर, स्त्री रोग विषेशज्ञ डा. नलनीष शर्मा, विकिरण चिकित्सक डॉ.अष्विनी सूद, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. उमा राज व कमल भूशण भी उपस्थित थे।