राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 29 मई, 2016, शिमला

गलेहा स्कूल के बच्चों का भविष्य अधर में खाली पद भरने का आग्रह

राजकीय उच्च पाठशाला गलेहा कोटखाई की स्कूल प्रबंधन समिति ने बताया है कि कि 9वीं व 10 वीं कक्षा में ड्राइंग के स्थान पर अर्थशास्त्र विषय रखा गया है परन्तु इस विषय की कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है। स्कूल शिक्षा बोर्ड से विषय पर जब बातचीत की गई तो मालूम हुआ कि इस विषय की तो उन्होंने पुस्तकें  ही नहीं छापी हैं। अब सवाल बड़ा यह उठता है कि ऐसे में स्कूल के बच्चे अब यहां कौन सा विषय पढ़ेंगे। स्कूली छात्र व उनके अभिभावक विक्रेताओं के बार-बार चक्कर काट रहे हैं कि क्या पता यह पुस्तक उन्हें मिल ही जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है, चूंकि बोर्ड द्वारा किताबें छापी ही नहीं गई है। अब स्कूल में इन कक्षाओं के बच्चों को कौन सा विषय पढ़ाया जाएगा, यह यक्ष प्रश्न है।  हैरानी की बात है कि शिक्षा के लिए सरकार इतने बड़े-बड़े वायदे कर तो रही है, मगर ये हकीकत में कितने जमीं पर उतरे हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

क्षेत्र के लोगों ने गलेहा स्कूल में खाली पड़े अध्यापकों के पदों को भी शीघ्र भरने की मांग की है। इसी विषय में लोगों ने शिक्षा िनदेशक को पत्र भी लिखा है, जिसमें एक टीजीटी नॉन मैडिकल, एक टीजीटी आट्र्स, एक कला और एक पीईटी का पद खाली पड़ा हुआ है। लोगों का कहना है कि स्कूली बच्चों को अध्यापकों की कमी की वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सीपीएस रोहित ठाकुर के प्रयासों से यहां टीजीटी मैडिकल व एक टीजीटी आट्र्स का पद भरा गया है, लेकिन अन्य पद खाली चल रहे हैं। इस स्कूल में 37 बच्चे पढ़ते हैं,जो सभी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। ऐसे में अध्यापकों के पद खाली होने से इन बच्चों का शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहीं दूसरी जगह नहीं भेजा जा सकता है। स्कूल प्रबंधन समिति गलेहा के पदाधिकारियों ने मांग की है कि जल्द से जल्द यहांं पर खाली पदों को भरा जाए वरना बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा।

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