उन्होंने बताया कि माननीय NGT के आदेश अनुसार नगर निकायों को ठोस कचरा प्रबंधन और डोर टू डोर कचरा के संदर्भ में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि कचरे की समस्या से लोगों को निजात मिल सके. उन्होंने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर डोर टू डोर कचरा प्रबंधन पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए और पंचायत जनप्रतिनिधियों और खंड विकास अधिकारी के माध्यम से स्थानीय लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया.

उन्होंने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदूषण मुक्त हिमाचल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट की समस्या से निपटने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं. उपायुक्त ने बताया कि Lalpani, Malyana and Dhalli बे अपशिष्ट उपचार संयंत्र को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि प्रदूषण मुक्त शिमला का सपना साकार हो सके.
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

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