ग्रामीण कलाकारों मंे छुपी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए युवा सेवा एवं खेल विभाग द्वारा आयोजित युवा महोत्सव अत्यंत प्रभावी मंच है। यह बात आज जिला लोक सम्पर्क अधिकारी शिमला संजय सूद ने कालीबाड़ी शिमला में जिला युवा सेवा एवं खेल विभाग द्वारा दो दिवसीय युवा महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में दी। उन्होंने बताया कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों से ग्रामीण कलाकार इस युवा महोत्सव में 11 विधाओं में अपनी कला का प्रदर्शन करते है, जिसमें लोकनृत्य, लोकगीत, एकांकी(केवल हिन्दी या अंग्रजी), शास्त्रीय गायन(भारतीय), पारम्परिक वाद्य यंत्र, बांसुरी वादन, तबला वादन हारमोनियम (लाईट), सितार वादन, कत्थक नृत्य एलोक्यूशन(हिन्दी या अंग्रेजी) प्रतियोगिता शामिल है।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों से अलग विभिन्न क्षेत्रों के स्थानीय युवक व युवतियां इस महोत्सव में भाग लेकर अपने क्षेत्र की लोक संस्कृति व लोकानुरंजन का प्रदर्शन करते हैं। यह महोत्सव जहां कला के संरक्षण व संवर्धन के लिए अत्यंत उपयोगी है वहीं ग्रामीण कलाकारों को आगे बढ़ने के लिए एक अतुलनीय प्रयास भी है। उन्होंने कहा कि लोक कलाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए कलाकारों को भी निरंतर अभ्यास व शोध करना आवश्यक है। उन्होंने समारोह में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। निर्णायक मण्डल के अंतर्गत प्रख्यात तबला वादक कश्मीरी लाल, राजकीय महाविद्यालय अर्की, सोलन के सह आचार्य डाॅ. हेत राम भारद्वाज तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के शोध अनवेशक एवं शिक्षक डाॅ. टी.सी. कौल, युवा प्रबंधक रमा शर्मा भी उपस्थित थी।

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