इस एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता सुश्री शीला जी ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने  कहा कि नशा एक धीमा जहर है। इसके सेवन से मनुष्य का जीवन अंधकार में डूब रहा है। आज की युवा पीढ़ी तंबाकू उत्पाद, चरस, अफीम सहित अन्य नशीले पदार्थो का इस्तेमाल कर रही है। नशे की लत युवाओं को पथभ्रष्ट कर रही है। नशा न केवल व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक नुकसान करता है बल्कि उसके परिवार को भी पतन की ओर धकेल देता है। समाज में अपराध की मुख्य वजह नशा ही माना गया है। पहले तो युवा स्कूल व कॉलेज में बीड़ी, सिगरेट व गुटखा का सेवन मस्ती करने के लिए करते हैं लेकिन बाद में इनकी लत लग जाती है। कुछ तो शराब, चरस व अफीम के इतने आदी हो जाते हैं कि इनसे छुटकारा पाना उनके लिए मुश्किल होता है। नशा चाहे किसी भी प्रकार का हो इससे मानसिक व शारीरिक नुकसान पहुंचता है। युवाओं को मादक पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं में खेलों के प्रति रुचि उन्हें नशे से दूर रखने में सहायक होती है।  इस अवसर पर उन्होंने सभी से जिला शिमला को नशा मुक्त करने की अपील की। इस अवसर पर जिला युवा अधिकारी मनीषा शर्मा ने बताया कि इस तरह के कार्यशाला के आयोजन से ग्रामीण युवाओं को नशे से दूर करने का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि नेहरू युवा केंद्र जिला में स्वच्छ भारत मिशन – स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप, गंदगी मुक्त भारत अभियान, स्वछता पखवाड़ा, जल शक्ति अभियान, पोषण माह, पर्यटन पर्व का आयोजन, राष्ट्रीय एकता शिविर,शिक्षा में युवा भागीदारी, जागरूकता और संरक्षण, संविधान दिवस का आयोजन, गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण, जल संरक्षण, योग, शौचालयों के निर्माण की सुविधा, वित्तीय और सामाजिक समावेशन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय फ्लैगशिप योजनाओं को लोकप्रिय बनाना, पौधारोपण, महिला सशक्तीकरण, प्लास्टिक मुक्त गाँव, रक्तदान, कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ युवाओं को जोड़ना, श्रमदान, बेटी बचाओ – बेटी पढाओ, एचआईवी  एड्स की रोकथाम, मद्यपान एवं नशे के दुष्परिणाम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय महत्व के दिवसों का आयोजन, राष्ट्रवाद और देशभक्ति के प्रचार, मतदाता जागरूकता, आदि का युवा मंडलों, युवा स्वयंसेवकों और ग्राम समुदायों की भागीदारी के साथ जिला वासियों को जागरूक करता है।यह जानकारी प्रेस को नेहरू युवा केन्द्र की जिला युवा अधिकारी मनीषा शर्मा ने दी।

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