भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
अपने गये बेगाने गये
मरी न मन की तृष्णा
कैसा संसार बनाया तूने
हरे रामा हरे कृष्णा ।
पूरी ज़िन्दगी लगा रहा
जोड़ने पाई-पाई
आखिर वक्त खाली हाथ
अर्थी जब उठाई
पाप पुन्य की चक्की में
पड़ेगा अब पीसना
कैसा संसार बनाया तूने
हरे रामा हरे कृष्णा।
अच्छा कोई काम किया न
उस मालिक का नाम लिया न
खा-खा के डकारता रहा
मिट्टी काया संवारता रहा
अब बोलने लगा राम-राम
जब हाथ-पैर लगे घसीटना
कैसा संसार बनाया तूने
हरे रामा हरे कृष्णा ।
तेरा मेरा करता रहा
दूसरों का सुख देख जलता रहा
बेईमानी, हेरा-फेरी से
तजोरियां भरता रहा
अब रोये क्यों बैठ कर
जब यमलोक लगा दिखना
कैसा संसार बनाया तूने
हरे रामा हरे कृष्णा।