उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने बताया कि जिला में 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों को पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत 44 हजार 936 बच्चों को लाभान्वित किया गया वहीं पूरक पोषाहार महिला कार्यक्रम के अंतर्गत 8 हजार 961 महिलाओं को लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत अब तक जिला में 84 कन्याओं को लाभान्वित किया गया है, जिस पर अब तक 42 लाख 84 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत 1420 बच्चों तथा 938 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है, जिस पर लगभग 50 लाख 82 हजार रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि बेटी है अनमोल योजना (अनारक्षित )के अंतर्गत 2426 लोगों को लाभान्वित किया गया, जिस पर 67 लाख 86 हजार रुपये व्यय किए गए है, वहीं बेटी है अनमोल अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत 503 लोगों को लाभान्वित किया गया, जिस पर 33 लाख 79 हजार रुपये की राशि व्यय की गई है। शगुन योजना के अंतर्गत अब तक 122 पात्र लोगों को लाभान्वित किया गया है, जिस पर अब तक 37 लाख 82 हजार रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत 24 लाख 11 हजार रुपये की राशि तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से अब तक 8 करोड़ 66 लाख रुपये की राशि व्यय की गई है। उन्होंने बताया कि जिला में 2154 आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यरत है, जिसमें 18 हजार 494 बच्चे 3 से 6 आयु वर्ग के पूर्व स्कूल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने जिले में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि आंगनबाड़ी केन्द्र सुचारू रूप से चल सके। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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