आयोजन स्थल-काॅन्फ्रैंस हाॅल व बहुददेशीय सभागार, गेयटी थियेटर, शिमला

भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश ‘कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट’ शिमला-1 के संयुक्त तŸवावधान में -‘बाल साहित्य उत्सव 2023’ आयोजित करवाने जा रहा है। इस त्रि-दिवसीय साहित्य महोत्सव में विद्याार्थियों की साहित्य के साथ-साथ विभिन्न अन्तरविद्यालीय प्रतियोगिताएँ जैसे भाषण, शब्दावली कौशल, नारा लेखन, पोस्टर बनाना, बुकमार्क बनाने सम्बन्धी प्रतियोगिताएँ भी करवाई जाएँगी। उक्त समस्त गतिविधियों में स्कूल, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय से 25 वर्ष से कम आयु के छात्र भाग ले सकते हैं। इस आयोजन का संचालन भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक के नेतृत्व में एक टीम करेगी जिसमें वंदना भागड़ा, अध्यक्ष कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट और निष्पक्ष दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए एक विद्वानों का पैनल जिसमें डाॅ. उषा बंदे, प्रोफैसर व प्रधानाचार्य, मीनाक्षी फेथ पाॅल, डाॅ. जयवंती डिमरी और सुश्री नमिता लाल शामिल हैं जिन्होंने पूर्ण योजनाबद्ध तरीके से प्रत्येक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। इस साहित्य उत्सव का मकसद बच्चों को एक खुला मंच प्रदान करना है। उन्हें बोलते हुए सुनना, संवादात्मक सत्रों में शामिल होना और साथ ही उन्हें पढ़ने को बढ़ावा देना है। ‘मीमांसा’ बच्चों के लेखन को स्वर देने का एक प्रयास है, चाहे वह किताबों के रूप में हो, लघुकथा लेखन के रूप में हो या कविता के रूप में, जो उनके द्वारा लिखे गए हों। कार्यक्रम की रूपरेखा निम्न प्रकार से रहेगीः-


अंतरविद्यालयीय प्रतियोगिता के लिए सुबह का सत्र 9.30 बजे से 11.00 बजे तक होगा। सुबह 11.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और दोपहर 1.30 से 4.00 बजे तक दो सत्रों में ओपन माइक रीडिंग होगी जिसमें कविता, फ्लैश फिक्शन, सूक्ष्म कहानियाँ या लघु कथाएँ और पुस्तक समीक्षा और चर्चा शामिल होगी। 17 मार्च को उद्घाटन सत्र के लिए बाल कथा साहित्य के पुरस्कार विजेता, जो व्यस्कों के लिए भी लिखते हैं सुश्री खिरूनीसा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। 19 मार्च के समापन सत्र के लिए मुख्य अतिथि एक पत्रकार और पुरस्कार विजेता बाल लेखिका बनिता सेनिस हैं, जो प्रशिक्षित शिक्षक और संपादक भी हैं। उन्होंने दर्जनों कथा, उपन्यास और पाठ्य पुस्तकें लिखी हैं। इस अवधि के दौरान उनके साथ श्री निवास जोशी (आलोचक/लेखक), डाॅ. उषा बंदे (शिक्षाविद/लेखक), प्रोफैसर व प्रधानाचार्य मीनाक्षी फेथ पाॅल(शिक्षाविद/लेखक), डाॅ. जयवंती डिमरी (शिक्षाविद/लेखक), नमिता लाल (सेवानिवृत प्रधानाचार्य), मीनाक्षी चैधरी(उपदेशक/लेखक), डाॅ. पूर्णिमा चैहान(सेवानिवृत भा.प्र.से.), उपाध्याय, विवके मोहन, रोशन जसवाल, पवन चैहान, मोनिका भट्टनागर, भारती कुटियाला, अंशु कौशल, रूपेश्वरी शर्मा, आत्मा रंजन, सुमित वशिष्ट, कमायनी वशिष्ट, दीप्ति सारस्वत, डाॅ. अपराजिता शर्मा, डाॅ पान सिंह, प्रियंवदा व रेवा गुप्ता(सहायक प्रध्यापक) उपस्थित रहेंगे।

बाल साहित्य उत्सव के दौरान तीन दिनों में युवाओं के द्वारा नौ पुस्तकों की समीक्षा लेखकों के साथ बैठकर की जाएगी तथा चर्चा के उपरान्त युवा अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करेंगे।
इसके अतिरिक्त ‘व्दम सवदमसल ज्पहमतष् की लेखिका सुश्री बनिता सेन संभाषण/संवाद में एक विशेष सत्र आयोजित करेंगी जिसमें सुश्री पृथा दोगर अपनी पुस्तक के बारे में बताएंगी।
समापन समारोह में अंतर विद्यालयीय प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इस तरह के आयोजन बच्चों को लेखन को एक कौशल के रूप में अपनाने और पढ़ने की आदत डालने के लिए प्रेरित करते है। नोटः- इस आयोजन में अपना नाम पंजीकृत करने की अंतिम तिथि 8 मार्च से बढ़ाकार 15 मार्च कर दी गई है। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें

[email protected]:; 9816148001 /9817095985/ 8091021796

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