महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें स्वावलंबी बना कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए नाबार्ड व अन्य बैंकों द्वारा किए जा रहे कार्य अत्यंत सराहनीय है। यह विचार आज हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्राॅस सोसायटी की अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर ने नाबार्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर होटल ओरकिड में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के घरेलू उत्पीड़न मामलों को कम करने के लिए स्वयं महिलाओं को संगठित होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में अपनी भूमिका के लिए सजग होना भी अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला का कर्तव्य है कि जिस पद व प्रतिष्ठा पर वो है उसके माध्यम से समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि समाज की सेवा के लिए अपनी संतानों को संस्कारवाद बनाने के लिए सही पालन पोषण की आवश्यकता है, जिसके लिए महिलाओं से बहुत बड़ी अपेक्षाएं है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सभी क्षेत्रों मंे विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए नाबार्ड द्वारा आयोजित मेलों और प्रदर्शनी का अहम योगदान है। उन्होंने बैंकरों से अनुरोध किया कि वे ग्रामीण महिलाओं की ऋण आवश्यकताओं को समझे ताकि महिलाएं समाज व देश के समुचित विकास में योगदान दे सके। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों, जनजातीय विकास कार्यक्रम एवं जलागम विकास समितियों की महिलाओं की सफलता के प्रयासों एवं उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 11 महिलाओं को सम्मानित किया, जिसमें जनजातीय विकास कार्यक्रम के तहत अमृत धारा की रेनु ठाकुर, हिम टू हम की वंदना पराशर, चण्डी माता की रेखा ठाकुर, सिराज वैली की भामा देवी, स्वयं सहायता समूह के तहत रितिक स्वयं सहायता समूह मण्डी की खिम दासी, कोर्ड क्यारा की पूजा देवी, स्वयं सहायता समूह खवाजा की समिता रानी, भुवनेश्वरी स्वयं सहायता समूह की रजीता शर्मा, जनजातीय विकास कार्यक्रम के तहत निचार किन्नौर की रीता कुमारी, जलागम विकास समिति के तहत बदार खड्ड वाटर शेड की रिमा ठाकुर शामिल है।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की उप महा प्रबंधक ज्योतिका खिम्टा ने अपने विचार सांझा करते हुए महिलाओं को परस्पर व सामाजिक सहयोग कर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। कृषक उत्पादक संगठन के तहत इंडीकेयर ट्रस्ट ऊना की रिवा सूद ने महिलाओं को समाज की दूरी बताते हुए उसके रचनात्मक एवं भावनात्मक प्रेम के माध्यम से समाज की रक्षा-सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा बिग एफएम रेडियो की आर. जे. शालिनी ने अपनी सफलता के विचार सांझा किए। मुख्य महा प्रबंधक भारतीय रिजर्व बैंक आर.एस.अमर और संयोजक एसएलबीसी के.के. शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर नाबार्ड के कार्यों से संबंधित वृत चित्र का भी अवलोकन किया गया। प्रभारी अधिकारी एवं महा प्रबंधक नाबार्ड डाॅ. सुधांशु मिश्रा ने अपने आभार उद्बोधन में अपने संबोधन में बताया कि दुनिया के सबसे बडे़ महिला स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम की शुरुआत नाबार्ड द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभारी व शक्तिशाली साधन है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा प्रायोजित कौशल विकास कार्यक्रमों में स्वयं सहायता समूहों ने जो कौशल प्राप्त किया है इसके परिणाम स्वरूप इसमें से कई सफल उद्यमी महिलाएं बनी हैं, जिन्होंने न केवल स्वरोजगार आरम्भ किया बल्कि कई साथी महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं। उन्होंने नाबार्ड द्वारा किए जा रहे वित्तिय और अन्य विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी।

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