मंडी नगर की नेहा वत्सल को अपने गहने पहने के शौक ने एक नया रास्ता अपने की ओर प्रेरित किया परिवार वालों का साथ समाज का सहयोग नेहा को आर्टिफिशियल ज्वेलरी के निर्माण के लिए प्रेरित करने लगा लेकिन नेहा प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा को अपनाकर कुछ नया करने के लिए आतुर थी ताकि प्रदेश की पहचान अन्य क्षेत्र में हो सके। हिमाचल की ज्वेलरी को नए प्रयोगों के साथ प्रस्तुत कर नेहा आम लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
हिमाचल राज्य संग्रहालय व भाषा संस्कृत विभाग द्वारा रिज मैदान पर पद्मदेव परिसर में आयोजित कला शिल्प मेले में स्थापित नेहा का स्टॉल महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को खास अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। स्थानीय नागरिक और पर्यटक कम मूल्य पर इस आर्टिफिशियल ज्वेलरी को प्राप्त कर सके। नेहा ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू , किन्नौरी पट्टी को अपनाकर गहनों को नया रूप दिया जनजातीय क्षेत्र के गहनो से मेल खाते कुंदन कार्य को निर्मित कर बहुत कम दर पर गहनो का निर्माण किया ।
किन्नरी गहनो से मेल खाता तथा गहनों पर देवी देवताओं के चित्र एवम हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के गहनों की मेल खाते हार ,बाजूबंद कानों की बालियां तथा अनेक प्रकार की ज्वेलरी यहां उपलब्ध है। नेहा ने बताया कि उसके द्वारा निर्मित सामान विदेश में भी खूब बिक रहा है यूरोप में उनके प्रदर्शनी चल रही है जबकि इंग्लैंड ,थाईलैंड और मलेशिया में भी अपना सामान भेजती है ।
इन गहनों में हिमाचली पुट होता है जिसमें हिमाचली पट्टी, बिच्छू बूटी के धागे ,टेराकोटा और सूती धागों व उनी धागों का प्रयोग कर गहने बनाए जा रहे हैं। कच्चा माल जिसमें कुंदन और मोती राजस्थान व दक्षिण से प्राप्त कर हाथ से यह गहने तैयार कर रही है। नेहा चाहती है की मण्डी एवम अन्य जगहों की महिलाएं इस कार्य को अपनाकर अपनी आजीविका का साधन बनाएं। विशेष रूप से मूक बाधिर महिलाएं इस कार्य को अपनाए उनके लिए नेहा प्रशिक्षण प्रदान करने को आतुर है महिलाए इनसे 9816900330 पर सम्पर्क कर सकती है।