आज एसजेवीएन लिमिटेड की अध्‍यक्षता में गठित नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति (नराकास), शिमला (कार्यालय-2) का वार्षिक राजभाषा पुरस्‍कार वितरण समारोह तथा छमाही बैठक का आयोजन एसजेवीएन लिमिटेड के परिसर में किया गया। इस अवसर पर गीता कपूर, निदेशक(कार्मिक), एसजेवीएन सुशील शर्मा, निदेशक (परियोजनाएं), एसजेवीएन श्री चन्‍द्र शेखर यादव विभागाध्‍यक्ष(मा.सं.), एसजेवीएन उपस्थित थे।

इस बैठक के दौरान सदस्‍य कार्यालयों में सर्वश्रेष्‍ठ राजभाषा कार्य-निष्‍पादन के लिए उन्हें नराकास राजभाषा शील्‍ड से सम्‍मानित भी किया गया। ये पुरस्कार गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन के करकमलों से प्रदान किए गए । कार्यालयों की संख्‍या के आधार पर पुरस्‍कारों को तीन श्रेणियों यथा सरकारी कार्यालय एवं वित्‍तीय संस्‍थान, सार्वजनिक उपक्रम तथा बैंक श्रेणी में वि‍भाजित किया गया है। प्रत्‍येक श्रेणी में 5 पुरस्‍कार सुनिश्चित किए गए हैं । प्रथम पुरस्कार एसजेवीएन लिमिटेड की ओर से सुशील शर्मा, निदेशक (परियोजनाएं), तथा भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से श्री निधेय गुप्‍ता, वरिष्‍ठ मंडल प्रबंधक एवं भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आर.एस.अमर, क्षेत्रीय निदेशक ने प्राप्‍त किया।

एसजेवीएन में राजभाषा कार्यान्वयन समिति का आयोजन : सर्वश्रेष्ठ राजभाषा कार्य-निष्पादन के लिए पुरस्कृत

द्वितीय पुरस्कार कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन, भारतीय खाद्य‍ निगम तथा यूको बैंक को मिला। जबकि मुख्‍य महाप्रबंधक,भारत संचार निगम लिमिटेड तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को तृतीय पुरस्कार दिया गया । भारतीय स्‍टेट बैंक तथा नाबार्ड को प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। इस अवसर पर गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन द्वारा राजभाषा गृहपत्र‍िका ‘’हिमसंवाद’’ के द्वितीय अंक का विमोचन भी किया गया। पत्रिका के प्रकाशन का उद्देश्य सदस्‍य कार्यालयों की सृजनात्‍मकता तथा रचनात्‍मक अभिरुचि को बढ़ावा देने के साथ-साथ राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है ।

इस पत्र‍िका के प्रकाशन का समस्‍त दायित्‍व एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा निभाया गया है । गीता कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि सभी सदस्‍य कार्यालय अपने-अपने कार्यालय में सराहनीय कार्य कर रहे हैं और आगे भी इसी गति को बनाए रखते हुए अधिकतम कामकाज हिंदी में संपन्‍न करने का हरसंभव प्रयास करें । इस अवसर पर नराकास के सदस्‍य कार्यालयों के प्रमुख एवं एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। नराकास का गठन केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों में राजभाषा हिन्‍दी के प्रयोग को बढ़ाने के उद्देश्‍य से भारत सरकार द्वारा किया गया है । नराकास की बैठकों में इन संस्थाओँ में हिंदी के प्रयोग की समीक्षा की जाती है तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की दिशा में विचार-विमर्श किया जाता है ।

Previous articleHP Daily News Bulletin 26/12/2023
Next articleशिमला विंटर कार्निवल 2023 : लंगूर कलाकार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here