हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर ज्योति प्रकाश ने कहा है कि दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा, खेल एवं अन्य स्वस्थ गतिविधियों के लिए सभी सुविधाएं दी जाएंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन दिव्यांग विद्यार्थियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अपने प्रतिभाशाली दिव्यांग विद्यार्थियों पर गर्व है। दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ एक विशेष बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। प्रो. ज्योति प्रकाश ने कहा कि विश्वविद्यालय अब सही अर्थों में एक समावेशी उच्च शिक्षण संस्थान के तौर पर उभर रहा है। दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ अब विश्वविद्यालय में कोई भेदभाव नहीं होता बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के सभी अवसर दिए जाते  हैं। उन्होंने कहा कि विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है बल्कि हमारे समाज की विविधताओं का एक हिस्सा है।

उनका कहना था की विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में बनाई गई ‘विकलांगजनों के लिए समान अवसर नीति’ को लागू करने का काम शुरू हो चुका है। इसमें न सिर्फ दिव्यांग विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों के सभी प्रकार के अधिकार समाहित हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योग्यता और डिग्री का अच्छा इंसान बनने के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है। विद्यार्थियों को सदैव नेक रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें नशे एवं अन्य बुराइयों से बचना होगा क्योंकि वह हमें बर्बादी की राह पर ले जाती हैं। इस अवसर पर पीएचडी कर रहे दिव्यांग विद्यार्थियों में मुस्कान, इतिका चौहान, सवीना जहां, मुकेश कुमार, श्वेता शर्मा, प्रतिभा ठाकुर, अजय कुमार, विमल जाटव, और अंजू शर्मा के अलावा लगभग 20 अन्य विद्यार्थी भी शामिल थे।

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