महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ करने तथा जंगलों मंे अनुपयोगी चीड़ की पत्तियों के विभिन्न उत्पाद बनाकर उसको उपयोग में लाने के लिए हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम द्वारा प्रदान किया जा रहा प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला ग्रामीण के आनंदपुर के साथ लगती कोट पंचायत में माह फरवरी से लेकर अप्रैल माह तक तीन महीने के चीड़ की पत्तियों से उपयोगी उत्पाद बनाने के प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उसकी विश्व स्तरीय पहचान बनाने के लिए भी यह प्रशिक्षण शिविर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से बने यह उत्पाद प्लास्टिक से बनने वाले ऐसे ही उत्पादों के विकल्प के रूप में उभर सकता है, जिसकी उपयोगिता व पर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत उपयोगी साबित होगा।

उन्होंने हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल का कोट पंचायत में प्रशिक्षण शिविर को आरम्भ करने के लिए आभार व्यक्त किया और विश्वास जताया कि यहां की महिलाएं इस कार्य को ख्याति प्रदान करने के लिए संघर्षशील रहेगी ताकि आने वाले समय में उन्हें भी पदम श्री अथवा अन्य पुरस्कार मिल सके। उन्होंने आज कोट पंचायत में साढ़े 13 लाख रुपये की लागत से निर्मित पटवार घर का भी लोकार्पण किया। उन्होंने यान से साधुपुल 2.700 किलोमीटर तथा गेहा से ओहरी 2.900 किलोमीटर सड़क पर बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उल्लेखनीय है कि यह दोनों सड़कें लगभग 27 लाख रुपये की लागत से बनी है। उन्होंने कोट पंचायत व आसपास के क्षेत्र में छोटी-बड़ी सड़कों को बनाने के लिए अपनी ऐच्छिक निधि से 5 लाख रुपये की राशि तथा इस क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम की विभिन्न बसों को तुरन्त प्रभाव से चलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। इस मौके पर हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने बताया कि चीड़ की पत्तियों से विभिन्न उत्पाद बनाने के कार्य कंडाघाट व शाहपुर में भी आरम्भ किए गए थे। इसके पश्चात् कोट पंचायत में इस शिविर का आयोजन किया गया, जो कि अत्यंत सार्थक है।

उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम की ओर से तीन महीने के इस शिविर के लिए 10 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई, जिसमें प्रत्येक प्रशिक्षु महिला को 22 हजार 500 रुपये, प्रशिक्षण प्रदान करने वाली महिला को 30 हजार रुपये और बाहर से आए प्रशिक्षक कुलदीप कुमार को 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त घड़े व मिट्टी के बर्तन बनाने, चम्बा रुमाल व अन्य प्रशिक्षण भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों एवं महिलाओं को प्रदान किया जा रहा है। कैलाश फैडरेशन के अध्यक्ष एवं जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मेहता ने बताया कि कोट पंचायत में विभिन्न विकास कार्यों के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा वित्तीय व अन्य लाभ निरंतर प्राप्त हो रहे हैं।
यहां से प्रत्याशी रहे डाॅ. प्रमोद शर्मा ने भी संबोधित किया। शिमला ग्रामीण मण्डलाध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने मण्डल के अधीन विकास की गति से अवगत करवाया। कोट पंचायत के उप-प्रधान सोम मेहता ने अपने उद्बोधन में पंचायत द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों तथा क्षेत्र के विकास का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में कोट पंचायत व आसपास की लगभग 40 महिलाओं ने तीन महीने चीड़ की पत्तियों से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण लिया।
प्रधान कोट पंचायत नेहा मेहता ने मुख्यातिथि का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रोबेशनर कार्यकारी उपमण्डलाधिकारी ग्रामीण अभिषेक गर्ग, खण्ड विकास अधिकारी टुटू इंद्र सिंह टेगटा, तहसीलदार ग्रामीण संजीव गुप्ता, एसडीओ लोक निर्माण विभाग परेश चैहान, स्थानीय स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी शर्मा तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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